प्रयागराज ब्यूरो । मौत ने तीन परिवारों की खुशियां छीन लीं। दो लोगों ने फांसी लगा ली तो एक ने जहर खाकर अपनी जान दे दी। तीनों ही घटनाओं में पुलिस को स्पष्ट कोई जानकारी नहीं मिल सकी। कि आखिर इन लोगों ने मौत को क्यों गले लगाया। वहीं, घटना से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
किराना कारोबारी ने लगाई फांसी
कौंशाबी अझुआ के रहने वाले अनूप कुमार किराना व्यापारी थे। वह कई वर्ष पहले शहर आए और यहां पर करेली के बेनीगंज में रहने लगे। यहीं पर अनूप ने किराना की दुकान खोल ली। कारोबार ठीक हुआ तो परिवार को भी पास में रख लिया। शनिवार रात परिवार के साथ अनूप ने खाना खाया। इसके बाद सभी सोने चले गए। रविवार सुबह पत्नी ग्राउण्ड फ्लोर पर पहुंची तो कमरे का दरवाजा बंद था। पत्नी ने धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। अंदर कमरे में रस्सी से बनी फांसी के फंदे पर अनूप लटकर रहे थे। वह चीखने चिल्लाने लगीं। कुछ ही देर में पड़ोसी आ गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में ले लिया। अनूप की पत्नी घटना का कोई स्पष्ट कारण पुलिस को नहीं बता सकीं।
संविदाकर्मी ने दे दी जान
धूमनगंज थाना क्षेत्र के महिला ग्राम का रहने वाला सोनू बिजली विभाग में संविदा कर्मचारी था। रविवार दोपहर सोनू ने फांसी लगा ली। मां मिथलेश ने बेटे को फांसी के फंदे पर लटकते देखा तो रोने बिलखने लगीं। आसपास के लोगों की मदद से सोनू को पास के अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सोनू इकलौता बेटा था। इकलौते बेटे की मौत पर मां का रोना बिलखना देख लोगों की रूह कांप गई।
जहर खाकर दे दी जान
धूमनगंज के ओमप्रकाश नगर के रहने वाले गौतम चक्रवर्ती एक प्राइवेट फर्म में नौकरी करते थे। रोज की तरह वह शनिवार शाम घर लौटे। कुछ देर में उनकी तबियत खराब होने लगी। उल्टी होने की शिकायत पर परिजन उन्हें अस्पताल ले गए। पता चला कि उन्होंने जहर खा लिया है। इस पर परिजन उन्हें एसआरएन अस्पताल ले गए। जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।