प्रयागराज (ब्यूरो)। मंगलवार की रात सुहेलदेव एक्सप्रेस के पटरी से उतरने का कारण बना था गिट्टी का ढेर। इसका कारण कोई दूसरा नहीं बल्कि इंजीनियरिंग डिपार्टमें है। प्रथम दृष्टया ऐसा ही माना जा रहा है। ट्रैक पर जो गिट््टी का ठेर था वह ट्रेन स्पीड में होती तो बड़ी घटना का कारण बन जाता। घटना के बाद हुई तेज आवाज से पैसेंजर्स सहम गये थे। गिट्टी के ढेर से टक्कर के बाद ही इंजन व पावरकार के चार चार पहिए ट्रैक से उतर गए थे। यह संभावना दुर्घटना की जांच के लिए गठित चार सदस्यीय जेड ग्रेड कमेटी ने प्राइमरी रिपोर्ट में जताई है। विभागीय स्तर पर हुई इस लापरवाही से महकमे में खलबली है। फिलहाल कोई भी अफसर कुछ भी बोलने से बच रहा है। आलमोस्ट सभी का जवाब एक लाइन में यही है कि जांच रिपोर्ट आने पर ही पता चलेगा कि घटना का कारण क्या था।
चल रहा था गिट्टी बदलने का काम
मंगलवार की रात सुहेलदेव एक्सप्रेस प्रयागराज जंक्शन से निकली थी। आउटर पार करके कुछ ही दूर बाद आगे जाने पर यह दुर्घटना का शिकार हो गयी। ट्रेन की स्पीड कम होने के चलते घटना से पैसेंजर्स को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ लेकिन ट्रैक पर आवागमन बाधित हो गया। बताया जा रहा है कि जिस स्थान पर ट्रेन पटरी से उतरी वहां ट्रैक मेंनटेनेंस के तहत गिट्टी बदलने का कार्य चल रहा था। यह कार्य इंजीनियङ्क्षरग विभाग कराता है। गिट्टी को बैलेंस कराने के लिए हटाया गया था लेकिन ट्रेन पास होने से पहले इसे क्लीयर नहीं किया गया। यह ढेर ट्रैक के बीचो बीच था। ट्रैक रूट मेंटेनेंस नियमों के अनुसार इसे काम पूरा होने के बाद हटा दिया जाना चाहिए था। इसके बाद ही रूट को क्लीयरेंस दी जानी चाहिए। लेकिन, गिट्टी के ढेर को हटाया नहीं गया। ट्रेन के पहिये इसी ढेर से टकराए और चक्के फिसलकर ट्रैक से नीचे चले गए।
30 मीटर बिछाया गया स्लीपर
घटना के बाद आवागमन नार्मल करने के लिए मंगलवार की रात ही ट्रैक मेंटेनेस के साथ ही बोगी के डिब्बों को ट्रैक पर लाने का कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया था। क्राङ्क्षसग संख्या 387 के आसपास का रेल ट्रैक बदल कर 30 मीटर तक नया स्लीपर बिछाया गया। इसके बाद ट्रेनो का आवागमन शुरू करा दिया गया। बता दें कि गाजीपुर से आनंद विहार जा रही 22435 सुहेलदेव एक्सप्रेस मंगलवार की रात लगभग 8.49 प्रयागराज जंक्शन के पास पटरी से उतर गई थी। प्लेटफार्म से रवाना होने के सिर्फ चार मिनट बाद यह घटना हुई थी। ट्रेन के इंजन व पावर वैगन के चार-चार पहिए डिरेल हो गए थे। ट्रेन को खींचकर प्लेटफार्म नंबर नौ पर लाये जाने और उसे फिर से आनंद विहार के लिए रवाना करने में ट्रेन करीब तीन घंटे लेट हो गयी।
इन्हें शामिल किया गया जांच कमेटी में
मंगलवार की रात दुर्घटनाग्रस्त हुई सुहेलदेव एक्सप्रेस दुर्घटना की जांच के लिए गठित चार सदस्यी जेड ग्रेड कमेटी में सीनियर डीएससी, सीनियर डीएमई सीएनडब्ल्यू, सीनियर डीईई आपरेशन और सीनियर डीईएन को शामिल किया गया है। कमेटी को अपनी जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में डीआरएम को सौंपनी है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए इसे उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा।
विभागीय जांच से काफी कुछ क्लीयर
दुर्घटना के बाद तत्काल प्रभाव से घटना के प्राथमिक कारणों को स्पष्ट करने के लिए भी छह विभागों की इंटर डिपार्टमेंटल जांच कमेटी बनायी गयी थी। इसमें सिगनल, आपरेङ्क्षटग, लोको, कैरेज एंड वैगन, आरपीएफ और इंजीनियङ्क्षरग विभाग के अफसर शामिल किये गये थे। इस टीम ने प्राइमरी जांच रिपोर्ट डीआरएम को सौंप दी है। सूत्र बताते हैं कि घटनास्थल पर गिट्टी हटाने और गिट्टी हटाने के बाद उसी स्थान पर नई गिट्टी डाली जानी थी। यह कार्य इंजीनियङ्क्षरग विभाग की देखरेख में पीडब्ल्यूआई द्वारा कराया जा रहा था।
घटना की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गयी है। कमेटी एक सप्ताह में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि घटना के लिए जिम्मेदार कौन है। अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
हिमांशु बडोनी, डीआरएम प्रयागराज मंडल