प्रयागराज (ब्‍यूरो)। बता दें कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो। संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में परीक्षा समिति की बैठक में परीक्षा समिति ने स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की परीक्षाएं आफलाइन मोड में 22 अप्रैल से कराने का निर्णय लिया है। इसके विरोध में छात्रों ने परिसर में खूब हंगामा किया। प्रवेश द्वार पर ताला तक जड़ दिया। इसके बाद कुलपति ने डीन साइंस प्रोफेसर शेखर श्रीवास्तव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया। कमेटी ने बीते सोमवार को छात्रों के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की। इस बातचीत में कोई ऐसा संकेत नहीं मिला जो छात्रों के हक में हो। इसके बाद छात्रों ने कुलपति कार्यालय पर धरना दिया। मंगलवार को छात्रों ने कुलपति कार्यालय के बाहर आमरण अनशन शुरू कर दिया। इस बीच चीफ प्राक्टर ने छात्रनेता अभिषेक द्विवेदी, अमन शुक्ल और सत्यम कुशवाहा के खिलाफ कार्रवाई कर दी। आमरण अनशन की सूचना पर चीफ प्राक्टर प्रो। हर्ष कुमार, असिस्टेंट प्राक्टर डा। संतोष कुमार ङ्क्षसह, डा। विनम्र सेन ङ्क्षसह, सुरक्षाधिकारी अजय ङ्क्षसह जिला और पुलिस प्रशासन के साथ पहुंचे। यहां छात्रों से तीखी झड़प हुई। इसके बाद वहां से सभी को हटा दिया गया तो छात्र परीक्षा नियंत्रक कार्यालय पर बैठ गए। बुधवार को अनशन पर बैठे आशीष कुमार, आदर्श यादव, राकेश यादव, पवन शर्मा और अभय कुमार की तबियत बिगड़ गई। समर्थन देने पहुंचा एक छात्र वहीं गश खाकर गिर पड़ा। इन्हें अस्पताल पहुंचाये जाने के बाद डाक्टरों की टीम लगातार छात्रों की सेहत जांच रही है।

छात्रों की मांग को ध्यान में रखते हुए कुलपति ने हाई पावर कमेटी का गठन किया है। छात्रों का पक्ष उनके प्रतिनिधियों ने हाई पावर समिति के समक्ष रखा गया है। उनके द्वारा उठाये गए मुद्दों और प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है। छात्रहित को ध्यान में रखते हुए इस संदर्भ में समिति अपनी रिपोर्ट देगी और फिर आगे निर्णय लिया जाएगा। छात्र अपनी कक्षाओं को सुचारू रूप से अटेंड करें।
डॉ जया कपूर पीआरओ, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी