प्रयागराज ब्यूरो । विश्व धरोहर सप्ताह के समापन पर राजकीय पाण्डुलिपि पुस्तकालय तथा क्षेत्रीय अभिलेखागार, संस्कृति विभाग प्रयागराज द्वारा ईश्वर शरण महाविद्यालय के छात्रों को डा जमील अहमद के नेतृत्व में शैक्षिक भ्रमण कराया गया। क्षेत्रीय अभिलेखागार में छात्र-छात्राओं को प्रयागराज के नगरीय विकास विषयक अभिलेख प्रदर्शनी तथा मूल अभिलेखों (दस्तावेजों) का अवलोकन कराया गया। अभिलेख प्रदर्शनी में प्रयागराज के नगरीय विकास से सम्बन्धित रेलवे के विकास, प्रयागराज पब्लिक लाइब्रेरी, म्योर सेन्ट्रल कालेज (इलाहाबाद यूनिवर्सिटी) की स्थापना व चिकित्सा विभाग और इन्जीनियरिंग शिक्षा सम्बन्धी दस्तावेज, मेयो मेमोरियल हाल, विश्वविद्यालय को प्राप्त अनुदान, खुशरूबाग के विकास से सम्बन्धित प्रदर्शो को प्रदर्शित किया गया।
अभिलेखों का संरक्षण जरूरी
क्षेत्रीय अभिलेखागार के प्राविधिक सहायक राकेश कुमार वर्मा द्वारा विद्यार्थियों को बताया कि अभिलेखों के संरक्षण और उनका समुचित देखभाल अत्यन्त आवश्यक है। अभिलेखों के संरक्षण द्वारा ही हम अपने अतीत को अपने भविष्य के लिए सुरक्षित रख सकते है। इससे हमें अपने गौरवशाली इतिहास की जानकारी प्राप्त होती है। राजकीय पाण्डुलिपि पुस्तकालय में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को पाण्डुलिपि सम्पदा प्रदर्शनी का अवलोकन कराया गया। प्रदर्शनी में ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, भागवत पुराण, विष्णु पुराण, चरक संहिता सहित फारसी भाषा में लिखित ग्रन्थों को प्रदर्शित किया गया। स्टूडेंट्स को पुस्तकालय में संरक्षित मूल पाण्डुलिपियों को भी दिखाया गया जिसमें वासुदेव पूजा पद्वति (ताड़पत्र), 3*2 इंच की भगवत गीता, कबीर दास की साखी, भगवान श्री रामचन्द्र की वंशावली सहित फारसी भाषा में लिखित अल कुरान, आइने अकबरी आदि प्रमुख थी।
जाना क्या है लिपि शास्त्र
विश्व धरोहर दिवस के समापन पर गोष्ठी आयोजित हुई। मुख्य अतिथि फारसी एवं अरबी भाषा की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो सालेहा रसीद ने छात्रों को पाण्डुलिपि अध्ययन के प्रति प्रेरित किया। प्रो डॉ जमील अहमद ने छात्रों को लिपि एवं लिपि शास्त्र के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान किये। इस मौके पर डॉ रागिनी राय, दुकान जी, पायल सिंह लेखाधिकारी, मनसा सिंह पत्राचार संस्थान, इन्द्रजीत पटेल कलाकार, विकास यादव, रोशन लाल, अजय कुमार मौर्य, मो सफीक, शुभम कुमार समेत स्टूडेंट्स मौजूद रहे।