जीआईसी में गंगापार व यमुनापार के स्कूलों का भी बना दिया सेंटर
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PRAYAGRAJ: इसे गूगल बाबा का कमाल कहें, या बाबुओं का खेल। झेलना होगा बोर्ड परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों को। सिटी में स्थित जीआईसी यानी राजकीय इंटर कालेज में इस बार 70 स्कूलों का सेंटर बोर्ड परीक्षा के लिए बना दिया गया है। कैपिसिटी को लेकर इसमें कोई प्रॉब्लम नहीं है। प्रॉब्लम डिस्टेंस को लेकर है। सोर्सेज बताते हैं कि गूगल मैप से मिली डिस्टेंस को बेस बनाकर सेंटर बनाया गया है। जबकि फिजिकल वेरीफिकेशन में यह डिस्टेंस बहुत ज्यादा है। यूपी बोर्ड ने बस इतनी गनीमत कर दी है कि संभावित सेंटर्स की लिस्ट देकर स्कूलों से आपत्तियां मांग ली है। लेकिन बोर्ड एग्जाम के सेंटर को लेकर कई स्कूल मैनेजमेंट टेंशन में हैं। ऐसे में आपत्तियां दर्ज कराने के बाद मैनेजमेंट उम्मीद कर रहा है कि शायद संशोधन हो जाएगा।
ब्रिज पार करके समय पहुंचना होगा मुश्किल
यूपी बोर्ड की ओर से 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा का सेंटर बनाने को लेकर हुए खेल में परेशानी स्टूडेंट्स को उठानी पड़ेगी। सिटी के बीच में स्थित राजकीय इंटर कालेज में इस बार कुल 70 स्कूलों का सेंटर दिया गया है। जबकि लास्ट इयर भी 56 स्कूलों का सेंटर जीआईसी को शुरू में दिया गया था। इसमें यमुनापार के नैनी, महेवा, झूंसी, फाफामऊ के साथ ही मुंडेरा के पास पीपलगांव में स्थित स्कूलों का सेंटर जीआईसी में बनाया गया है। जबकि अगर बोर्ड चाहता है तो नैनी, झूंसी और फाफामऊ जैसे एरिया में बने अन्य सेंटर्स पर भी इन स्कूलों के बच्चों को एडजेस्ट किया जा सकता था। लेकिन बोर्ड ने ऐसा नहीं किया। ऐसे में झूंसी, नैनी और फाफामऊ से जीआईसी एग्जाम देने के लिए आने वाले स्टूडेंट्स को गंगा और यमुना पर बने ब्रिज को क्रास करना होगा। एग्जाम के समय अगर किसी कारण से ब्रिज पर जाम लगा तो परीक्षा छूटना तय है। ऐसे में इन स्कूलों के बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी काफी परेशान हैं।
झूंसी, नैनी और बेगमबाजार से जीआईसी आएंगे पेपर देने
यूपी बोर्ड की ओर से बनाए गए सेंटर्स में जीआईसी में जिन स्कूलों का सेंटर दिया गया है। उसमें कई स्कूल झूंसी, नैनी, अरैल, महेवा, महमूदाबाद जैसे एरिया के है। इतना ही नहीं, कौशांबी बार्डर पर स्थित बेगमबाजार में स्थित स्कूल का सेंटर भी जीआईसी में दिया गया है। इसमें नव ज्योति इंटर कालेज नैनी, राम साक्षी शर्मा हायर सेकेंड्री स्कूल, नैनी, श्रीमति रमा देवी बालिका हायर सेकेंड्री स्कूल, डांडी, मैना देवी उच्चतर माध्यमिक स्कूल अरैल, ज्योतिबा राव फुले हायर सेकेंड्री स्कूल, सीओडी छिवकी नैनी, एसआरजे एचएसएस शांतिनगर चक झूंसी, एनयूएमवी मातादीन का पुरा फाफामऊ समेत अन्य एरिया के स्कूल शामिल है।
भौतिक संसाधन की रिपोर्ट डीआईओएस की ओर से भेजनी रहती है। इसके बाद से हमारा कोई रोल नहीं होता है। बोर्ड साफ्टवेयर के माध्यम से सेंटर बनाता है। सेंटर्स का परीक्षण चल रहा है। शासनादेश के अनुसार बच्चों को नजदीक शिफ्ट किया जाएगा।
आरएन विश्वकर्मा
डीआईओएस
यदि इस तरह की प्रॉब्लम आई है तो इसकी जांच की जायेगी। आखिर सॉफ्टवेयर में क्या प्रॉब्लम रही कि एक ही सेंटर्स पर 70 स्कूल के सेंटर्स दे दिये गये।
दिव्यकांत शुक्ला, सचिव, यूपी बोर्ड
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इस तरह से होता है एग्जाम सेंटर्स का सलेक्शन
- सबसे पहले स्कूलों को अपने यहां उपलब्ध सुविधाओं की सूचना बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करना होता है। - प्रिंसिपल को स्कूल कैंपस से यूपी बोर्ड के एप पर यूजर आईडी और पासवर्ड के जरिए लॉग इन करना होता है।
- जैसे ही प्रिंसिपल लॉग इन करते है। उसकी लोकेशन बोर्ड के पास गूगल मैप के जरिए पहुंच जाती है।
- इस तरह सभी स्कूलों की लोकेशन और आस-पास के स्कूलों की दूरी यूपी बोर्ड के पास कलेक्ट हो जाती है।
- जिसके बाद बोर्ड सेंटर बनाने के लिए मानकों को देखते हुए एक स्कूल से दूसरे स्कूल सेंटर की दूरी निर्धारित मानकों के हिसाब से तय करता है। - ऐप की मदद से कम से कम तीन रास्तों की डिटेल बोर्ड के पास पहुंचती है।
- ऐप तीनों रास्तों में सबसे कम दूरी को सलेक्ट करता है। जिसके बाद सेंटर फाइनल होता है।
- यदि लोकेशन स्कूल के अलावा अन्य किसी स्थान से भेजी जायेगी तो ऐसी स्थितियों में सेंटर्स की दूरी को लेकर प्रॉब्लम आ सकती है।
29,94,312
स्टूडेंट्स ने दसवीं बोर्ड परीक्षा के लिए कराया है रजिस्ट्रेशन
26,09,501
स्टूडेंट्स ने इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा के लिए कराया है रजिस्ट्रेशन
56,03,813
कुल स्टूडेंट्स यूपी बोर्ड 2021 परीक्षा में होंगे शामिल
8497
सेंटर्स पर इस बार होगी यूपी बोर्ड परीक्षा
7783
सेंटर्स पर लास्ट इयर हुई थी परीक्षा
714
सेंटर्स इस बार कोरोना के कारण बढ़ाए गए है
300
सेंटर्स जिले में इस बार बनाए गए है
18
राजकीय स्कूलों को बनाया गया है सेंटर
04
आश्रम पद्धति के स्कूल बने हैं सेंटर
143
एडेड स्कूलों को बनाया गया है सेंटर
135
वित्तविहीन स्कूल बने है जिले में सेंटर
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