प्रयागराज ब्यूरो । छात्रों में बिजनेस स्किल डेवलप करने के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन ने बड़ा इनीशिएटिव लिया है। बच्चों में बिजनेस स्किल डेवलप करने के साथ ही उन्हें उनकी पसंद की फील्ड में स्किल्ड बनाने के लिए बोर्ड ने कक्षा छह से ही प्रोफेशनल कोर्सेज को इंट्रोडयूज किया है। छह से आठवीं तक में पढऩे वाले छात्रों के लिए कुल 33 नये स्किल कोर्स को इंट्रोडयूज कर दिया गया है। इसमें साफ्टवेयर डेवलप करने के लिए कोडिंग डिकोडिंग की जानकारी वाले कोर्स भी हैं और कढ़ाई की स्किल डेवलप करने वाले कोर्स भी।
समर वेकेशन के दौरान करेंगे कम्प्लीट
न्यू एजूकेशन पॉलिसी का पूरा फोकस बच्चों को स्किल्ड बनाने पर है। इसी को देखते हुए इन कोर्सेज को इंट्रोडयूज किया गया है। इसके लिए छात्रों को कम से कम 12 से 15 घंटे इंवेस्ट करने होंगे। चालू एकेडमिशक सेशन में ही इसे लागू कर दिया गया है और स्कूलों को समर वोकेशन और नो बैग डे के समय में इस कोर्स को कंप्लीट कराना होगा। प्रत्येक बच्चे को इसका सर्टिफिकेट भी दिया जायेगा ताकि वे मोटीवेट रहें। अक्सर स्कूलों में समर वेकेशन में बच्चों को प्रोजेक्ट वर्क और अन्य कई होम वर्क दिए जाते रहे हैं। अब इस समय का सदुपयोग कर बच्चों को सर्टिफिकेट कोर्स कराया जाएगा, जिससे कम उम्र में ही बच्चे बिजनेस की बारीकियां सीख सकेंगे। सीबीएसई द्वारा जारी 33 स्किल कोर्स में से कोई भी एक भारतीय कला और कारीगरी से जुड़ा व्यापार बच्चे सीख सकते हैं। यह कोर्स फ्री ऑफ कॉस्ट रहेगा।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस भी जानेंगे
सीबीएसई ने समर वेकेशन और नो बैग डे के दिन जिन कोर्सेज के जरिए छात्रों को स्किल्ड बनाने का फैसला लिया है उसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेेंस भी शामिल है। आने वाले समय में इस टेक्निक का उपयोग बढ़ते जाना है और मार्केट में इसकी डिमांड भी क्रिएट होने वाली है। इसी तरह साफ्टवेयर डेवलप करने के लिए जरूरी कोडिंग और डिकोडिंग को भी इसमें शामिल किया गया है। यही नहीं बच्चे समर वेकेशन के दौरान यह भी जानेंगे कि घर में रखी गयी दवाओं की केयर कैसे करनी है। घर में दवाएं हैं और आपात स्थिति में आसपास कोई डॉक्टर नहीं है तो क्या करना होगा, यह भी इसका पार्ट बनाया गया है। बच्चे भी जानेंगे कि डेटा साइंस क्या होता है और कुकिंग के रूल्स क्या-क्या होता है। स्टूडेंट एक बार में एक ही कोर्स कर सकते हैं। एक कोर्स पूरा होने के बाद वे दूसरे कोर्स को ले सकते हैं।

इन कोर्सेज में डेवलप करेंगे स्किल
(1) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, (2) सौंदर्य और कल्याण, (3) डिजाइन थिंकिंग एंड इनोवेशन, (4) वित्तीय साक्षरता, (5) हस्तशिल्प, (6) सूचना प्रौद्योगिकी, (7) विपणन/वाणिज्यिक अनुप्रयोग, (8) मास मीडिया-मीडिया साक्षर होना, (9) यात्रा और पर्यटन, (10) कोडिंग, (11) डेटा साइंस (केवल 8वीं क्लास), (12) संवर्धित वास्तविकता/आभासी वास्तविकता, (13) डिजिटल नागरिकता, (14) चिकित्सा और टीके का जीवन चक्र, (15) घर में दवाई रखने के बारे में आपको जो बातें पता होनी चाहिए, (16) जब डॉक्टर आसपास न हो तो क्या करें, (17) मानवता और कोविड-19, (18) ब्लू पॉटरी, (19) मिट्टी के बर्तन, (20) ब्लॉक प्रिंटिंग, (21) भोजन, (22) खाद्य संरक्षण, (23) पकाना, (24) हर्बल विरासत, (25) खादी, (26) मुखौटा बनाना, (27) मास मीडिया, (28) ग्राफिक उपन्यास बनाना, (29) कश्मीरी कढ़ाई, (30) कढ़ाई, (31) रॉकेट, (32) उपग्रह और (33) उपग्रहों का अनुप्रयोग।

समर वोकेशन और नो बैग डे पर अब बच्चे कुछ खास कोर्स को भी कर सकते हैं। बच्चों को शॉर्प बनाने के लिए बोर्ड की अच्छी पहल है। इससे बच्चे कम उम्र में ही बिजनेस माइडेंड बन सकेंगे।
सुष्मिता कानूनगो
प्रिंसिपल, जगत तारन

बोर्ड ने अच्छी पहल की है। अब स्कूलों में एनईपी 2020 के अनुसार पढ़ाई होनी है। एनीईपी 2020 मौजूदा समय की चुनौतियों को देखते हुए तैयार किया गया है। बच्चों के लिए अच्छा अवसर प्रदान किया गया है।
रविंदर बिरदी
प्रिसिपल, एसएमपीपीएस