प्रयागराज (ब्यूरो)। प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज निवसी सर्वेश यादव इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में बीए फाइनल इयर का छात्र है। बेली में किराए पर कमरा लेकर वह यहां पढ़ाई करता है। पीडि़त छात्र के मुताबिक वह सेंट्रल लाइब्रेरी से निकल कर क्लास करने जा रहा था। उसके साथ श्रवण कुमार भी था। चौकी इंचार्ज यूनिवर्सिटी हर्ष वीर सिंह व नाका चौकी इंचार्ज दरोगा सोहराब अहमद को देखते हुए श्रवण यादव भाग निकला। दोनों चौकी इंचार्ज सर्वेश को पकड़ कर चौकी ले गए।
करीब आधे घंटे तक की पिटाई
बताया कि चौकी अंदर दरवाजा बंद करके दोनों दरोगाओं ने उसे प्लास्टिक के बेंत व बेल्ट से बेरहमी के साथ पिटाई किया। करीब आधे घंटे तक दोनों दरोगाओं ने चौकी के अंदर इस कदर बेरहमी से पीटा कि सर्वेश की पीठ से लेकर पूरा शरीर सुर्ख पड़ गया। बताया कि वह चीखता रहा और दोनों उस पर डंडा व बेल्ट बरसाते रहे। उसकी चीख सुनकर कुछ छात्रों ने दूसरे साथियों को बताया। बात मालूम चली तो दर्जनों की संख्या में छात्र चौकी पहुंच गए। छात्रों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए दोनों चौकी इंचार्ज सर्वेश को लेकर थाने आ गए। साथी की हालत देख छात्रों का पारा चढ़ गया और वह थाने पहुंच कर नारेबाजी शुरू कर दिए।
निलंबन की मांग पर अड़े थे छात्र
आक्रोशित छात्रों की मांग थी कि दोनों चौकी इंचार्जों को तत्काल निलंबित किया जाय। थाने पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह एसएसपी आवास पहुंचे और यहां भी गेट के सामने रोड पर नारेबाजी शुरू कर दिए। इंसाफ की आस में दरवाजे पर नारेबाजी कर रहे छात्रों की आवाज एसएसपी तक पहुंची तो वह मामले की जानकारी किए। इसके बाद रात करीब दस बजे एसएसपी ने छात्र की पिटाई के आरोपित चौकी इंचार्ज हर्ष वीर सिंह व शोहराब आलम को सस्पेंड कर दिए।
पुलिस को देख क्यों भागा श्रवण
छात्र सर्वेश यादव तो पढऩे जा रहा था। उसके साथ चल रहा श्रवण यादव पुलिस को देखकर भाग निकला। आखिर श्रवण दोनों दरोगाओं को देखकर भागा क्यों। इस सवाल का जवाब खुद पीडि़त व समर्थन में आए छात्र भी नहीं दे पा रहे थे। इससे एक बात तो तय है कि पीडि़त छात्र सर्वेश को बगैर किसी गुनाह के पीटा गया। हालांकि सर्वेश ने कहा कि उस पर आज तक कोई मुकदमा नहीं है। श्रवण यादव पर कोई मुकदमा है या वह क्यों भाग यह बात पुलिस की पिटाई से घायल सर्वेश भी नहीं बता सका। यदि पुलिस श्रवण यादव को पकडऩा चाहती थी तो उसके जरिए सर्वेश को क्यों पीटा गया।
तमंचे में छात्र को जेल भेजने की धमकी
दरोगाओं की पिटाई से जख्मी छात्र सर्वेश यादव ने कहा कि उसे दोनों ने करीब तीन बजे पकड़ा था।
चौकी ले जाने के बाद लगभग आधे घंटे तक दोनों उस पर बेल्ट व प्लास्टिक का डंडा बरसाते रहे।
उसकी मानें तो दोनों दरोगा नशे में थे। छात्र के मुताबिक दरोगाओं ने धमकी दिया कि तमंचा दिखा कर जेल भेज दूंगा
तुम्हें नैनी जेल जाना पड़ेगा। छात्रों की तरफ से मामले की लिखित शिकायत थाना पुलिस से की गई है।
घटना से नाराज छात्रों का कहना था कि पीडि़त सर्वेश यहां सिर्फ पढ़ाई करता है। उसका छात्र राजनीति से भी कोई वास्ता नहीं है।
प्रकरण संज्ञान में आने के बाद तत्काल जांच कर रिपोर्ट मंगाई गई। जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया छात्रों के आरोप सही पाए गए। जिसके आधार पर दोनों दरोगाओं को सस्पेंड कर दिया गया है। दोनों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी की जाएगी। जांच और सत्यता के आधार पर किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
अजय कुमार, एसएसपी प्रयागराज