प्रयागराज (ब्यूरो)। मांडा के टिकरी गांव में रविवार की रात व्यापारी पर हमला कर 4.69 लाख रुपये की लूट की घटना हुई थी। टिकरी गांव के रहने वाले व्यापारी फूलचंद जायसवाल रविवार को ऑफिस से घर जा रहे थे। उनके पास तीन दिन के कलेक्शन का पैसा था। उन्होंने पुलिस को सूचना कि बाइक से आये बदमाशों ने कैश से भरा बैग लूट लिया और भाग निकले। एसएसपी के मुताबिक, लूटकांड के खुलासे के लिए एसपी यमुनापार सौरभ दीक्षित के नेतृत्व में मांडा थाना प्रभारी अरुण कुमार और एसओजी यमुनापार को लगाया गया था। इतना पैसा कहां से आया? के जवाब में पता चला कि फूलचंद्र ने एक प्राइवेट कंपनी की एजेंसी भी ले रखी है। पुलिस ने प्रथम दृष्टया एजेंसी में काम करने वालों की सूची बनाई। इसमें सेल्समैन नीरज पांडेय निवासी धरावनारा मांडा का भी नाम था। पुलिस ने सभी के बारे में पता लगाया लेकिन कुछ बहुत खास हाथ नहीं लगा।

नीरज पर अटकी जांच
सेल्समैन के वेरीफिकेशन के दौरान एक चेहरा थोड़ा संदिग्ध हो गया। यह था नीरज पांडेय। नीरज कुछ दिन पहले से ही घर से कटा हुआ था। इस बीच कहां था? इसका किसी को कुछ पता नहीं था। छानबीन में पुलिस को पता चला कि नीरज अपने चचेर भाई कमलेश पांडेय के सम्पर्क में है। जांच के दौरान यह भी पता चल गया कि कमलेश पांडेय मूल रूप से मिर्जापुर जिले का रहने वाला है और वहां उसके खिलाफ चोरी के मामले दर्ज हैं। इस सूचना पर पुलिस ने कमलेश के इर्द-गिर्द जाल फैला दिया।

कमलेश पकड़ में आया तो खुला राज
नीरज का पता कमलेश से मिलेगा, यह जानकारी होने के बाद पुलिस ने मुखबिरों को एक्टिव कर दिया। संयोग अच्छा था कि कमलेश पांडेय चिलबिला नहर पुलिया के पास से पकड़ लिया गया। पूछताछ में वह कुछ बोलने से बचता रहा। पुलिस ने उसका मोबाइल चेक किया तो फोटो गैलरी में बिजली के नंगे तार को कवर करने में इस्तेमाल होने वाले पाइप की फोटो देख चौंक गयी। यहां छोटे-बड़े हर साइज की पाइप थी। पाइप का चित्र देखने पर पुलिस को याद आया कि लूट का शिकार बने फूलचंद्र ने अपने बयान में बार-बार कहा था कि उसके हाथ पर बिजली की पाइप से वार किया गया था। अब पुलिस को पाइप का असल मतलब समझ में आ गया। इसके बाद पुलिस ने उससे कड़ाई से पूछताछ की तो पूरी कहानी खुलकर सामने आ गयी। नीरज भी किया गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों को एसएसपी और एसपी यमुनापार ने गुरुवार को पुलिस लाइंस में मीडिया के सामने पेश किया।

दोनो चचेरे भाई, कर्ज से थे तंग
गुरुवार को नीरज और कमलेश को मीडिया के सामने पेश करते हुए पुलिस अफसरों ने बताया कि दोनों चचेरे भाई हैं। पूछताछ में दोनों ने बताया कि उन्होंने मार्केट से बहुत सारा कर्ज ले रखा है। कर्ज साढ़े तीन लाख रुपये तक पहुंच गया था। कर्ज देने वाले लगातार प्रेशर बना रहे थे। उधारी चुकाने का कोई और रास्ता दिखायी न देने पर उन्होंने यह कदम उठाया। नीरज को पता था कि तीन दिन का कैश इकट्ठा होने से एमाउंट बड़ा होगा इसलिए उन्होंने संडे के दिन लूट प्लान किया।

बिजली की पाइप से मिला सुराग
लूट की घटना के खुलासे में बरामद बिजली की पाइप का अहम रोल रहा। एक लुटेरे के मोबाइल में फोटोग्राफ दिखी और लूट का शिकार बने व्यक्ति का बयान चेक हुआ तो पूरा माजरा समझ में आ गया और असल लुटेरे पकड़ लिये गये। सम्पूर्ण धन बरामद कर लिया गया है।
शैलेश कुमार पांडेय, एसएसपी