जौनपुर जेल से रची गई फूलपुर के भाजपा नेता रोहित केसरी की हत्या की साजिश
भाई की हत्या में पैरवी से नाराज सोनू जौनपुर ने जेल से तैयार किया था कत्ल का पूरा प्लान
बीजेपी नेता रोहित केसरी की हत्या से पूर्व एसटीएफ ने तीन शूटरों को गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को इनकी गिरफ्तारी फूलपुर-जौनपुर मार्ग पर स्थित सांवडीह नहर पुलिस पर हुई। कत्ल की पूरी साजिश जौनपुर जेल में बंद सोनू उर्फ सिराज ने रची थी। उसी के कहने पर तीनों यहां रोजित को टपकाने का प्लान तैयार कर रहे थे। जरिए सर्विलांस इस बात की भनक एसटीएफ लखनऊ को लग चुकी थी। एसटीएफ मुख्यालय की टीम प्रयागराज इकाई के जवानों संग तीनों की तलाश में कई दिनों से थी।
एसटीएफ ने तीनों को दबोचा
गिरफ्तार किए गए शूटरों द्वारा पूछताछ में एसटीएफ को इस साजिश की पूरी वजह बताई गई। एसटीएफ के मुताबिक वर्ष 2018 में बीजेपी नेता एवं समाजसेवी पवन केसरी निवासी फूलपुर कस्बा की हत्या हुई थी। पवन बीजेपी नेता रोहित केसरी के सगे भाई थे। इनकी तरफ से पवन के कत्ल में कुल 11 लोगों के खिलाफ फूलपुर में मुकदमा दर्ज करवाया गया था। इस मुकदमे में सोनू उर्फ सिराज निवासी फूलपुर जौनपुर की जेल में बंद है। शेष अभियुक्तों जमानत पर रिहा होकर बाहर आए गए। मुकदमे की पैरवी भाजपा नेता रोहित केसरी ही कर रहे हैं। सोनू को लगता है कि यदि वह पैरवी करना बंद कर दे तो वे भी बाहर आ जाएगा। साथ ही मुकदमें सभी बरी भी हो सकते हैं। इसी सोच के तहत वह पैरवी कर रहे रोहित केसरी की भी हत्या का प्लान तैयार कर डाला। जमानत पर बाहर आए कुछ दोस्तों से जरिए मोबाइल संपर्क कर वह पूरी योजना बना डला। प्लान के तहत शूटर मो। शानू उर्फ वकील उर्फ लम्बू निवासी कर्नलगंज कस्बा व हालपता फूलपुर व मनोज सोयरी निवासी सेखपुर कस्बा थाना फूलपुर और दिलशाद अली निवासी राजापुर थाना सोरांव रोहित केसरी की जान लेने फूलपुर जा पहुंचे। तीनों प्लान बना ही रहे थे कि रेकी में लगी एसटीएफ सटीक सूचना पर तीनों को गिरफ्तार कर ली।
पांच लाख रुपये की दी गई थी सुपारी
एसटीएफ का कहना है कि सिराज ने अपने दोस्तों के जरिए हत्या के लिए पांच लाख रुपये की सुपारी दी थी। अपने परिचित के खाते में 75 हजार रुपये एडवांस डाल दिया था, जबकि बाकी रकम काम होने के बाद देने की बात कही गई थी। कत्ल के लिए पैसा, गाड़ी और असलहे की व्यवस्था हो चुकी थी। आदिल अपने साथियों के साथ रोहित की लगातार रेकी भी कर रहा था। साथ ही सिराज के घर और उसके झूंसी स्थित ससुराल में ठहरते थे। पकड़ा गया शानू व मनोज मुंबई के भिवंडी में हुई हत्या के मुकदमे में भी वांछित थे।
रोहित को कलुआ कहते थे शूटर
शूटर रोहित को असली नाम की बजाय कलुआ के नाम से पुकारते थे। इतना ही नहीं शातिर अपराधी फर्जी सिम कार्ड भी इस्तेमाल करते थे। छानबीन में यह भी पता चला है कि फरार बाबा अपने साथियों के पास असलहा, कारतूस व बाइक रखा था। रोहित की हत्या उस वक्त करने की तैयारी थी, जब वह एक सैलून पर अपना बाल कटवा रहे थे, मगर इससे पहले ही शूटर एसटीएफ के हत्थे चढ़ गए।
हत्या की साजिश रचने से लेकर शूटरों की मदद करने में सिराज की बीवी भी शामिल है। वह शूटरों को खाना खिलाने से लेकर असलहा रखने की जगह बताती थी। इंस्पेक्टर अंजनी तिवारी की ओर से फूलपुर थाने में सिराज उर्फ सोनू, उसकी बीवी, शानू उर्फ लंबू, बाबा, आदिल, मनोज व एक अन्य के खिलाफ मुकदमा लिखाया गया है।
लाल प्रताप सिंह
डिप्टी एसपी