निगेटिव थिंकिंग से लीवर पर पड़ता है प्रेशर

लीवर सिरोसिस के 96 फीसदी मामलों में हेपेटाइटिस बी का होता है अहम रोल

बॉडी में किडनी दो होती हैं लेकिन लीवर केवल एक। इसलिए आप्शन नही होने पर इस आर्गन का अधिक ख्याल रखना पड़ता है। डॉक्टर्स का कहना है कि बहुत अधिक निगेटिव सोचने से भी लीवर पर अधिक प्रेशर पड़ता है। इसलिए लोगों को अधिक से अधिक पाजिटिव सोच रखना जरूरी है। व‌र्ल्ड हेपेटाइटिस डे पर बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता में डॉक्टर्स ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि जागरुकता के जरिए ही हेपेटाइटिस बी पर विजय प्राप्त की जा सकती है।

केवल शराब से खराब नही होता लीवर

डॉक्टर्स का कहना है कि केवल शराब के पीने से लीवर खराब नही होता है।

इसके लिए हमारी थिंकिंग काफी अहम है।

नकारात्मक सोचने से लीवर पर निगेटिव प्रेशर पड़ता है और सूजन आने लगती है।

डॉ। एके तिवारी ने बताया कि इसी तरह हेपेटाइटिस होने पर भी लीवर में सूजन के लक्षण दिखने लगते हैं।

यह सेहत के लिए सही साइन नही है।

उन्होंने कहा कि लीवर सिरोसिस के अधिकतर मामलों में हेपेटाइटिस बड़ा कारण माना जाता है।

हेपेटाइटिस के कारण

उपयोग किए गए इंजेक्शन का पुन: उपयोग करने से।

असुरक्षित यौन संबंध बनाने से।

नशे की सुईयों को साझा करने से।

टैटू एवं नाक, कान आदि छेदने के लिए संक्रमित सुई के उपयोग से।

व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुओ को साझा करने से।

संक्रमित रक्त एवं रक्त उत्पाद का संचार व डायलिसिस से।

लक्षण

पीलिया

निरंतर बुखार

भूख नही लगना।

गहरे रंग का मूत्र या लीवर में दर्द आदि।

बच्चों को लगता है टीका

सरकार ने हेपेटाइटिस संक्रमण को देखते हुए इसके टीके को सरकारी अस्पतालों में लगाने की परमिशन दे दी है। दो साल तक के बच्चों को फ्री आफ कास्ट टीका लगाया जाता है। वहीं जांच के लिए बेली हॉस्पिटल के टीएमसी सेंटर या सीएचसी पर संपर्क किया जा सकता है। इसकी जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में आती है। दवाएं सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध हैं। बेली अस्पताल में हेपेटाइटिस उपचार केंद्र मौजूद है।

जेल में मिले सात मरीज

हाल ही में नैनी सेंट्रल जेल में कैदियों की जांच की गई। जिसमें सात हेपेटाइटिस के मरीज सामने आए हैं।

सीएचसी में कैप लगाकर 642 लोगों की जांच की गई और इसमें कुल 11 लोग पाजिटिव पाए गए।

जून में डफरिन अस्पताल में 1018 महिलाओं की जांच की गई और तीन पाजिटिव मामले सामने आए हैं।

डॉक्टर्स का कहना है कि यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है।

समय रहते लक्षणों के आधार पर जांच कराना बेहद जरूरी है।

टोल फ्री पर करिए संपर्क

हेपेटाइटिस के संबंध में अधिक जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग के राज्य वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण इकाई लखनऊ के टोल फ्री नंबर 18001805145 और 1800116666 पर संपर्क किया जा सकता है मौके पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ। एके तिवारी, एसीएमओ डॉ। सतेंद्र राय, डॉ। वरुण क्वात्रा, डॉ। मंसूर और डॉ। अनिल संथानी उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ। राय ने दिया।