प्रयागराज ब्यूरो । अतीक अहमद और अशरफ की हत्या को अंजाम देकर कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा देने वाले तीनो शूटर घटना से दो दिन पूर्व यानी 13 अप्रैल को प्रयागराज पहुंच गये थे। शाहगंज इलाके में रेलवे स्टेशन चौराहे के पास होटल स्टे इन को अपना ठिकाना बनाया। इसी होटल में रूम लेने के बाद अतीक ब्रदर्स की रेकी शुरू कर दिए थे। दिन भर रेकी करते थे और रात में कमरे के अंदर वारदात को अंजाम देने की खौफनाक स्क्रिप्ट तैयार करते थे। इसी प्लान के तहत 15 अप्रैल की शाम शूटरों को आखिरकार मौका मिल ही गया। मीडियाकर्मी के वेश पहुंचे तीनों शूटर अतीक और अशरफ की हत्या के बाद सरेंडर कर दिया। सरेंडर करना भी उनके प्लान का एक हिस्सा ही था। कस्टडी रिमांड लेकर 19 अप्रैल से अब तक की गई पूछताछ में यह बातें शूटरों से एसआईटी को मालूम चली हैं। शूटरों के बताए अनुसार एसआईटी की टीम होटल में दबिश दी। होटल के आगंतुक रजिस्टर, सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर को एसआईटी कब्जे में ले लिया है। होटल के उस रूप में दो मोबाइल भी टीम के हाथ लगे हैं जिसमें शूटर ठहरे हुए थे। रूम में यह मोबाइल छिपाने के बाद शूटर वारदात को अंजाम देने के लिए निकले थे। हालांकि, बगैर कुछ बोले एसआईटी सारा कुछ लेकर होटल मैनेजर के मुंह में हिदायत का ताला लगाकर चली गई।
होटल मैनेजमेंट ने ओढ़ी खामोशी
यह एसआईटी की घुड़की का असर ही था कि होटल के जिम्मेदार इस सम्बंध में मुंह खोलने को भी तैयार नहीं थे। मैनेजर मोहित कुमार ने कहा कहा कि होटल में कुल बीस कमरे हैं। जिसमें लोग आकर रुका करते हैं। बताया कि पुलिस वाले हमारा रजिस्टर और कैमरे का डीवीआर तक लेकर चले गए हैं। काफी कुरेदने के बावजूद उन्होंने यह बताने से साफ इंकार कर दिया कि कौन सी आईडी लगाकर शूटर किराए पर रूम पर लिए थे। कहना था कि जब सारा कुछ पुलिस उठा ही ले गई तो हम क्या बताएं। रजिस्टर तक हमारे पास नहीं छोड़े। अब इस बारे में पुलिस वाले ही कुछ बता सकते हैं। उस मैनेजर को यह तक नहीं याद कि आखिर तीनों शूटर कौन सी आईडी लगाए थे। सिर्फ होटल स्टे इन का ही नहीं एसआईटी आसपास के होटलों व दुकानों के भी सीसीटीवी कैमरे की चेकिंग की। दबी जुबान दुकानदार और कुछ होटल के लोग कहते हैं कि कैमरे के फुटेज को भी लेकर पुलिस के लोग चले गए हैं। एक सवाल के जवाब में झुंझलाते हुए खुद को मैनेजर बताने वाले मोहित कुमार ने कहा कि उसे कुछ भी नहीं मालूम है। होटल हैं और बहुत लोग रुकने के लिए रोज आते जाते रहते हैं। कौन क्या आईडी दिया है अब इतना याद नहीं रहता। यदि पुलिस हमारा रजिस्टर नहीं ले गई होती तो हम उन युवकों के बारे में कुछ जरूर बता पाते। काल्विन गेट पर अतीक अहमद और अशरफ की हत्या 15 अप्रैल की शाम को हुई थी। सूत्रों के मुताबिक शूटर यहां होटल में 13 अप्रैल को करीब 8.30 बजे रूम लिए थे। कमरा नंबर 203 शूटर सिर्फ तीन नहीं बल्कि कि बैकअप देने के लिए दो और थी।


कॉल डिटेल से खुलेगा राज
शूटर इतने शातिर निकले कि जिस मोबाइल को होटल के रूम में छिपा आए थे उसका सिम तक गायब कर दिए हैं। कहते हैं कि सिम को वे तोड़कर फेंक चुके हैं। पुलिस का मानना है कि मोबाइल में जिस सिम को वे लगाए थे वह भी फर्जी एड्रेस पर रहा होगा। हालांकि पुलिस उस मोबाइल से की गई बातचीत को रिकवर कराने के फिराक में हैं। यदि ऐसा संभव हो पाया तो प्राप्त होने वाले नंबर के जरिए एसआईटी अतीक और अशरफ की हत्या से जुड़ी कुछ और भी गुत्थी को सुलझाने में कामयाब हो सकती है। मोबाइल के कई वाट्सएप मैसेज भी डिलीट किए गए हैं। सूत्र बताते हैं कि डिलीट मैसेज को भी टेक्निकल एक्सपर्ट से टीम रिकवर कराने की कोशिश करेगी। यदि पुलिस के नंबर और मैसेज को रिकवर करने में कामयाब हो गई तो घटना से जुड़े कई रहस्यों से पर्दा उठ जाएगा।


आज शाम खत्म होगी कस्टडी रिमांड
अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले शातिर शूटरों को कोर्ट के द्वारा 19 अप्रैल को दोपहर दो बजे से एसआईटी की कस्टडी रिमांड पर दिया गया था। शूटर लवलेश तिवारी अरुण मौर्या व शनि सिंह उर्फ पुराने को कस्टडी में लेकर एसआईटी पूछताछ में जुटी है। यह कस्टडी रिमांड की टाइमिंग 23 अप्रैल रविवार को शाम पांच बजे खत्म हो जाएगी। कोर्ट के आदेश पर गौर करें तो पांच बजे के बाद एसआईटी तीनों से कोई पूछताछ नहीं कर सकेगी। तीनों को सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रतापगढ़ जेल में दाखिल करना होगा।