प्रयागराज ब्यूरो । व्यापार और उद्योग धंधों को प्रदेश सरकार द्वारा बढ़ाने की महत्वाकांक्षी योजना का असर व्यापक रूप से नजर आया है। व्यापार, कारोबार में लगातार बढ़ोतरी हुई है। जिसका लाभ स्टेट जीएसटी को मिला है। इसी का परिणाम रहा कि व्यापारियों और कारोबारियों से वसूले जाने वाले कर में पिछले पांच वर्ष का रिकार्ड टूटा है। स्टेट जीएसटी ने इस वर्ष पिछले साल अप्रैल के अपेक्षा 23 प्रतिशत अधिक कर वसूला है।

जीएसटी को लेकर की थी कड़ाई

स्टेट जीएसटी ने पिछले वर्ष कर वसूली को लेकर कड़ाई की थी। उन व्यापारियों व कारोबारियों को नोटिस जारी किया गया था, जो कम कर जमा कर रहे थे। इसके बाद कर वसूली में वृद्धि होनी शुरू हुई। इस वर्ष अप्रैल बीतने के बाद जब इसे देखा गया तो पता चला कि वसूले गए कर ने पिछले पांच वर्ष का रिकार्ड तोड़ दिया है। अप्रैल 2022 की अपेक्षा इस बार 23 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 243 करोड़ 76 लाख रुपये स्टेट जीएसटी को प्राप्त हुआ है। जबकि अप्रैल 2018 में 181 करोड़ छह लाख रुपये कर वसूला गया था। अप्रैल 2019 में यह रकम बढ़कर 215 करोड़ 48 लाख पहुंच गई थी। हालांकि, इसी दौरान कोरोना संक्रमण की वजह से व्यापार पर व्यापक असर पड़ा था और कारोबारी टूट गए थे। धंधा पूरी तरह से ठप हो गया था। इसी परिणाम यह रहा कि अप्रैल 2020 में वसूला गया कर सबसे कम रहा।

कोरोना काल में पड़ा था असर

2020 में मात्र 10 करोड़ 47 लाख रुपये कर के रूप में मिले थे। हालांकि वर्ष 2021 में कोरोना संक्रमण कम होने पर कारोबार चढ़ा, जिस वजह से अप्रैल 2021 में 228 करोड़ 72 लाख रुपये एसजीएसटी ने कर के रूप में वसूले। लेकिन अप्रैल 2022 में इसमें गिरावट आ गई। 198 करोड़ सात लाख रुपये ही प्राप्त हुए। एसजीएसटी के अधिकारियों ने इसकी समीक्षा की और फिर वसूली को लेकर कड़ाई बरती गई। देखा गया कि कौन-कौन ऐसे व्यापारी हैं, जो कम कर जमा कर रहे हैं। इनको नोटिस भेजा गया। इसके बाद इसमें तेजी आई और 23 फीसदी की वृद्धि के साथ 243 करोड़ 76 लाख रुपये एसजीएसटी को प्राप्त हुआ। सांख्यिकी अधिकारी उदय शंकर यादव का कहना है कि व्यापार और कारोबार में वृद्धि की वजह से कर वसूली में बढ़ोतरी हुई है। पांच वर्ष का रिकार्ड टूटा है। निश्चित तौर पर अगले वर्ष इससे भी अधिक कर वसूली होगी।