प्रयागराज ब्यूरो ।स्नेक बाइट के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अब सांपों का फन कुचलने की तैयारी में लग गया है। खुद शासन ने 2030 तक स्नेक बाइट के मामलों को पचास फीसदी तक लाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए स्पेशल प्लान बनाया जा रहा है और लोगों को अधिक से अधिक अवेयर करने की तैयारी चल रही है। झाड़ फूक के चलते स्नेक बाइट से होने वाली मौतों पर लगाम लगाने में विभाग जुट गया है।
इस वजह से हो चली जाती है जान
अक्सर देखा गया है कि स्ने क बाइट के मरीजों की जान इलाज में देरी से हो जाती है। ग्रामीण एरिया में सांप के काटने पर लोग मरीज को अस्पताल लाने के बजाय झाड फूक और सपेरों के पास लेकर चले जाते हैं। समय पर उचित इलाज नही मिलने पर उनकी मौत भी हो जाती है। इससे बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नेशनल स्नेक बाइट कंट्रोल प्रोग्राम के तहत ब्लाक स्तर पर फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स आदि को ट्रेनिंग दी है। इसके बाद सपेरों और झाड फूक करने वालों को भी ट्रेंड किया जाएगा, ताकि स्नेक बाइट के मामलों को समय रहते अस्पताल भिजवा सकें।
अगस्त सितंबर में सतर्क रहना जरूरी
स्नेेक बाइट के सबसे ज्यादा मामले अगस्त और सितंबर में सामने आते हैं। इस साल अगस्त में 114 और सितंबर में 105 स्नेक बाइट के मामले सामने आए हैं। इन दोनो महीनों में लोगों को सतर्क रहना होगा। क्योंकि बिलों में पानी भर जाने की वजह से सांप बाहर आते हैं और स्नेक बाइट के मामले अपने आप बढऩे लगते हैं। पिछले एक साल में प्रयागराज में स्नेक बाइट के 403 मामलों ने दस्तक दी है। 230 मरीजों का इलाज किया गया है।
स्नेक बाइट होने पर क्या करें
- अगर स्नेक बाइट हो तो पीडि़त को तनाव मत लेने दें
- जहर के मुंह से निकालने का प्रयास मत करें
- झाड फूक कराने के बजाय नजदीकी अस्पताल में जाएं
- घाव पर चीरा या किसी प्रकार का मरहम मत लगाएं
- सांप काटने पर मरीज को सोने दें और 108 नंबर एंबुलेेंस को कॉल करें
-बोलने में कठिनाई, सांस लेने में तकलीफ, दोनों आंखों से अलग अलग विजन देखना, आवाज का पतला होना और आंख खोलने में परेशानी होने जैसे लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाएं
बारिश के सीजन में ऐसा कतई मत करें
- बारिश के सीजन में सुनसान जगहों पर जाने से बचें
- झाडिय़ों में जाने के दौरान टार्च का यूज करें
- घर में रखे बक्से, स्टोर रूम, टंकियों आदि के आसपास सावधानी बरतें
- रात में जमीन देखकर चलें, दीवार के कोनों पर नजर रखें
- अंधेरी जगहों पर जाने से पहले रोशनी का इंतजाम करें