प्रयागराज (ब्यूरो)।गंगा और संगम के तट से लेकर शिवालय तक भगवान शिव के लाखों ंभक्तों हर रोज पहुंच रहे हैं। भक्तों द्वारा लगाए जा रहे हर-हर भोले, बम-बम भोले के जयघोष से जर्रा-जर्रा गुंजायमान है। घर से घाट और शिव मंदिर तक भक्तजन हवन, पूजन एवं रुद्राभिषेक में लीन है। चारों तरफ बह रही आस्था और विश्वास की बयार को देखते हुए शिव मंदिरों में पुजारी और पुरोहित रुद्राभिषेक के लिए पैकेज का नियम बना रखे हैं। मंदिरों में रुद्राभिषेक कराने के लिए एक राशि वह निर्धारित कर दिए हैं। यह पैसा जमा करने के बाद भक्त को रुद्राभिषेक के लिए कोई सामग्री नहीं लानी पड़ती। स्वेच्छा व आस्था के अनुरूप सिर्फ प्रसाद को छोड़ कर खाली हाथ ही मंदिर पहुंचना होता है। मंदिर में रुद्राभिषेक की सारी सामग्री पहले से ही पुजारी या पुरोहित ही करके रखते हैं। भागदौड़ और व्यस्तता भरी जिंदगी में यजमानों को पुरोहितों का यह पैकेज खूब रास भी आ रहा है। पैकेज पर मंदिरों में रुद्राभिषेक कराने वालों के शिव भक्तों का तांता लगा हुआ है। सावन के इस मास में आलम यह है कि अब रुद्राभिषेक के लिए पैकेज पर बुकिंग के लिए कई मंदिरों में पुजारी या पुरोहित खाली ही नहीं हैं। दूसरे पुरोहित भी इतने व्यस्त हैं कि घरों या मंदिरों में पूजा पाठ व रुद्राभिषेक के लिए बमुश्किल मिल रहे हैं।

व्यस्त यजमानों को रास आ रहा पैकेज
मंदिरों में सावन के इस पवित्रमास में रुद्राभिषेक करने वालों का तांता लगा है। जिसी जैसी श्रद्धा व समस्या है पुरोहित उसकी पूजा व रुद्राभिषेक उसी के अनुरूप करवा रहे हैं। पुरोहितों की मानें तो भगवान शिव को प्रसन्न करने व मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है। पौराणिक मान्यता है कि शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक कराने का जातक को विशेष फल मिलता है। उसकी मनोकामना इस पूजा से भगवान शिव पूर्ण करते हैं। पुरोहित कहते हैं कि रुद्राभिषेक की अलग-अलग विधियां हैं। हर मनोकामना के लिए अलग-अलग विधियां निर्धारित हैं। कहते हैं कि गंगाजल और गंगे के रस एवं दूध व दही एवं मधु जैसी चीजों से रुद्राभिषेक का प्राविधान है। रुद्राभिषेक के लिए इन सारी चीजों का चयन यजमान की मनोकामना के अनुरूप किया जाता है।


रुद्राभिषेक की हैं कई खास विधियां

सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक जैसे विशेष अनुष्ठान से भोले बाबा मनवांछित फल प्रदान करते हैं।
पुरोहितजन कहते हैं कि संतान प्राप्ति के लिए गाय के दूध से रुद्राभिषेक का मर्म पुराणों में बताया गया है, दूध से रुद्राभिषेक कराने पर जातक को संतान की प्राप्ती होती है।
इसी तरह सुख-समृद्धि व सर्व रोग निवासी के लिए गंगा जल और दूध को मिलाकर रुद्राभिषेक प्राविधान है।
वहीं घर में व्याधि शांति के लिए कुसोदस जल से, दही से रुद्राभिषेक करने पर पशु प्राप्त की इच्छा पूर्ति होती है
गन्ने के रस से लक्ष्मी की इच्छा पूर्ति होती जबकि मधु से रुद्राभिषेक करने पर धन की प्राप्ति होती है
तीर्थ के जल से रुद्राभिषेक करने पर जातक को मोक्ष की प्राप्ती होती है। शत्रु नाश के लिए रसो के तेल से रुद्राभिषेक का प्राविधान है।
सावन के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर भगवान शिव धरती पर वास करते हैं। इस लिए इस शिव रुद्राभिषेक का विशेष महत्व माना गया है।
पुरोहित कहते हैं कि इस बार 19 वर्षों के बाद सावन और अधिक मास मिलाकर एक साथ पड़ रहा है। यह सावन 58 दिनों का होगा।

तीन प्रकार से कराते हैं रुद्राभिषेक
अति प्राचीन व प्रसिद्ध शिव मंदिर मनकामेश्वर धाम में भी रुद्राभिषेक का पैकेज निर्धारित है। मंदिर के प्रधान पुजारी रामचंद्र शुक्ल बताते हैं कि मंदिर की एक कमेटी है। इस कमेटी के द्वारा मंदिर में रुद्राभिषेक यहां तीन प्रकार के उत्तम, मध्यम, कनिष्ठ इन तीनों विधियों में रूद्राभिषेक के लिए अलग-अलग राशि निर्धारित है। बताते हैं कि उत्तम विधि से रुद्राभिषेक कराने के लिए 5100 रुपये व मध्यम विधि से रुद्राभिषेक के लिए 3100 रुपये की राशि निर्धारित की गई है। जबकि कनिष्ठ विधि से रुद्राभिषेक करवाने वालों के लिए 1100 रुपये निर्धारित हैं। दिए गए इस पैसे से रुद्राभिषेक की सारी सामग्री लाई जाती है। इसी पैसे में रुद्राभिषेक कराने वाले पुरोहित की दक्षिणा भी शामिल होती है। मतलब यह निर्धारित पैसा देने के बाद एक भी रुपये यजमान को नहीं देना पड़ता।

यहां रुद्राभिषेक के हैं दो पैकेज
इसी तरह दारागंज नागवासुकी मंदिर मेेें दो तरह के रुद्राभिषेक का और उसकी राशि निर्धारित की गई है। मंदिर के मुख्य पुजारी श्याम धर त्रिपाठी कहते हैं कि दूध से रुद्राभिषेक के लिए यहां 2500 रुपये निर्धारित किए गए हैं। जबकि गंगा जल से रुद्राभिषेक करवाने वाले यजमान से 1100 रुपये जमा कराए जाते हैं। इस पैसे यहां भी रुद्राभिषेक की सारी सामग्री व फूल आदि लाए जाते हैं। यजमान द्वारा निर्धारित पैसा जमा करने पर कोई सामान रुद्राभिषेक के लिए नहीं लाना पड़ता।


350 रुपये नाम से रुद्राभिषेक
वहीं संगम तट स्थित श्री योग: सहस्त्रलिंगम् मंदिर में रुद्राभिषेक के लिए 350 रुपये का पैकेज है। यह राशि जमा करने पर दूध से रुद्राभिषेक कराया जाता है। यह सारा पैसा रुद्राभिषेक के लिए पूजन सामग्री की खरीदारी की जाती है। इतना पैसा देने के बाद यजमान को कुछ लाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। बस निर्धारित तिथि पर उसे समय से मंदिर आना पड़ता है। मगर यजमान बगल में सिर्फ बैठे रहेंगे, पुरोहित उनके नाम से रुद्राभिषेक सामूहिक तौर से कर देंगे। इसके अतिरिक्त यदि किसी की कुछ दान करने की इच्छा है तो वह 11000 रूपए मंदिर ट्रस्ट के नाम जमा कर सकता है।