10 और 12 को सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों के वजन के लिए चलेगा अभियान
कुपोषित एवं अतिकुपोषित श्रेणी के बच्चों को चिन्हित कर प्रभावी रोक के लिए होगी कार्रवाई
जिले में 60 हजार से अधिक बच्चे अब भी ऐसे हैं जिन्हें अतिकुपोषित की श्रेणी में रखा जा सकता है। यह संख्या बच्चों की कुल का करीब आठ फीसदी से अधिक है। 21वीं सदी में बच्चों और मां की यह संख्या किसी एक जिले के लिए बेहद शर्मनाक स्थिति की ओर इशारा करती है। करीब साठ हजार से अधिक बच्चे ऐसे हैं जिन्हें अभी चिन्हित किया जाना बाकी है। इस स्थिति को लेकर शासन ने गंभीरता दिखाई तो लोकल लेवल पर अफसर भी गंभीर हो उठे हैं। पूरी ताकत कुपोषित मां और बच्चे को खोलने में लगाने का फैसला लिया गया है। 10 और 12 तारीख को मनाए जाने वाले वजन दिवस के दौरान इन बच्चों की खोज के लिए विशेष अभियान चलेगा। इसकी तैयारियों की समीक्षा सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान चीफ सेक्रेट्री राहुल भटनागर ने की।
हर हाल में करवाएं पंजीकरण
सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयुक्त राजन शुक्ला, प्रभारी जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी तथा मुख्य चिकित्साधिकारी से रूबरू हुए चीफ सेक्रेट्री ने वजन दिवस की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने आयुक्त सहित सम्बन्धित अधिकारियों से कहा कि कुपोषण के कलंक से मुक्ति के लिए 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों का शत-प्रतिशत पंजीकरण एवं वजन सुनिश्चित कराने हेतु 10 एवं 12 दिसम्बर को वजन दिवस का आयोजन कराएं। कहा कि कुपोषित एवं अतिकुपोषित श्रेणी के बच्चों का चिन्हांकन कर कुपोषण की रोकथाम हेतु प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाय। कहा कि अतिकुपोषित बच्चों व गर्भवती महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार लाने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा हौसला पोषण योजना का क्रियान्वयन कराया जा रहा है। इसके द्वारा चिन्हित अतिकुपोषित महिलाओं व बच्चों के लिए देशी घी, फल, भोजन आदि उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। इससे जरूरतमंदों को आच्छादित किया जाय।
सीडीओ कार्यालय में कंट्रोल रूम
वजन दिवस के सफल आयोजन हेतु सीडीओ कार्यालय में नियंत्रण कक्ष खोला जाएगा। प्रत्येक विभाग के जनपदीय स्तर के अधिकारियों की सेक्टर प्रभारी के रूप में तैनाती कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि वजन दिवस के सफल आयोजन हेतु प्रत्येक विकास खण्ड पर ग्राम प्रधानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा सभासदों को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिलाया जाये ताकि जन-मानस के सफल आयोजन हेतु व्यापक सहयोग प्राप्त हो सके।
क्या-क्या होगा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर
समस्त बच्चों का वजन करने के पश्चात् मुख्य सेविका तथा अंागनबाड़ी कार्यत्रियों द्वारा केन्द्रवार अतिकुपोषित बच्चों की सूची लाल रजिस्टर में अंकित कराएंगी
बच्चों की संख्या में हुए इजाफा को रजिस्टर में आवश्यक रूप से अंकित किया जाएगा
रजिस्टर में दर्ज अतिकुपोषित बच्चों का प्रत्येक माह वजन कर उसे रजिस्टर में अपडेट किया जाएगा
अतिकुपोषित एवं कुपोषित पाये गये बच्चों के स्वास्थ्य एवं वजन में सुधार की स्थिति का प्रति माह अनुवश्रण होगा
वजन दिवस की तैयारी
पूरे जनपद को 180 सेक्टर में विभाजित किया किया जायेगा
प्रत्येक सेक्टर हेतु एक जनपद स्तरीय अधिकारी की तैनाती सेक्टर प्रभारी के रूप होगी
1700 प्रधानाध्यापकों को ग्राम सभा पर्यवेक्षकों के रूप में तैनात किया जाएगा
प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र पर कार्यशील वजन मशीन एवं स्टेशनरी समय से उपलब्ध करा दी जाय। सेक्टर प्रभारी एवं ग्राम सभा पर्यवेक्षकों का प्रशिक्षण बुधवार तक पूर्ण करा लिया जाय। जागरुकता के लिए ब्लाक स्तर पर ग्राम प्रधानों एवं गणमान्य लोगों के साथ बैठक कर ली जाय।
आन्द्रा वामसी
मुख्य विकास अधिकारी
823551
पांच वर्ष तक के बच्चों की कुल संख्या
106238
बच्चे अतिकुपोषित श्रेणी के हैं
42124
बच्चे पिछले साल चलाए गए वजन अभियान में चिन्हित किए गए थे
60000
कुपोषित बच्चों की होगी अभियान के दौरान तलाश
(स्रोत : रैपिड सर्वे ऑन चिल्ड्रेन)
शत-प्रतिशत अतिकुपोषित बच्चों का वजन कराया जाना सुनिश्चित कराया जाये। कुपोषण की सही पहचान कर बच्चों को इस स्थिति से बाहर लाने के लिए सार्थक प्रयास किया जाय।
राजन शुक्ला
कमिश्नर