प्रयागराज ब्यूरो । पैदल राहगीरों की सुविधा के लिए बनाए गए फुटपाथ को कुछ व्यापारियों ने अपनी जागीर समझ लिया है। यहीं वजह है कि फुटपाथ पैदल राहगीरों को चलने के लिए नसीब नहीं हो पा रहा है। फुटपाथ पर दुकानदारों ने अस्थायी तरीके से कब्जा कर लिया है। इसे लेकर कोई भी अधिकारी संजीदा नहीं है। यहीं वजह है कि जाम की समस्या से जूझना लोगों की दिनचर्या में शामिल हो गया है। लक्ष्मी टाकीज चौराहा से चेक करने का शुरू किया गया। यहां हर दो कदम पर फल की सबसे अधिक अस्थायी दुकान बनी हुई है। देखने के बाद समझना ही बहुत मुश्किल होता है आखिर यहां फुटपाथ है भी या नही। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में यहां रहने वाले लोग बताते है कि शाम होते-होते फुटपाथ पार्किंग स्थल में तब्दील हो जाता है। यह आलम इस चौराहा से लेकर मजार चौराहा तक का है। इन फुटपाथ स्थानों पर फल की दुकान के अलावा सब्जी की दुकान, बाइक रिपेयरिंग, पान की दुकान व खाने-पीने का आईटम की दुकान फुटपाथ व सड़क तक पर ठेला लगा रखे है। इलेक्ट्रिक उपकरण तक बिक रहे है।

पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ का निर्माण कराया गया है तो सुरक्षा के भी प्रबंध होने चाहिए। शाम को इन चलने वाले स्थानों पर कार सबसे ज्यादा अधिक खड़ी होती है। कोई आदमी बोले तो लडऩे पर उतारू हो जाते है।
पंकज सिंह

पहले तो लोग ठेला धीरे से लगा लेते है। फिर अस्थायी दुकान बना लेते है। एक को देखा देखी धीरे-धीरे सब लगाना शुरू कर देते है। अब तो हर दस कदम पर अवैध कब्जा दिखाई पड़ जाएगा। नगर निगम की टीम भी दिखाए की कार्रवाई करती है।
विजय द्विवेदी

फुटपाथ पर कब्जा करके चंद दुकानदार हजारों पैदल यात्रियों के लिए मुसीबत बने हुये है। मेन सड़क पर बच्चों के साथ पैदल चलना एक बड़ी समस्या है। फुटपाथ छोडि़ए सड़क तक दुकान लगा लेते है। जिसके चलते जाम लगना स्वाभाविक है।
शंाति धर द्विवेदी, पब्लिक

सबसे बुरा हाल शाम को होता है। जब अधिकतर लोग मार्केट के लिए निकलते है। रोड पर जाम लग जाता है। इन फुटपाथ पर शाम को खाने-पीने की दुकान लग जाती है। पब्लिक फुटपाथ का यूज ही नहीं कर पाती है।
अमन प्रताप सिंह