प्रयागराज (ब्यूरो)। Snake attack alert in Prayagraj UP: झाड़ियों व पेड़ पौधे वाले स्थान पर सोच समझकर जाएं। क्योंकि भीषण गर्मी और तपन की वजह से सांप भी बिलों से बाहर आकर इंसानों को अपना निशाना बना रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में 19 ऐसे मामले सामने आए हैं और इसमें से एक की मौत भी हो गई है। डॉक्टर्स का कहना है कि स्नेक बाइट के मरीज को समय रहते अस्पताल पहुंचा दिया जाए ता उसकी जान आसानी से बचाई जा सकती है।
झाड़ फूं क से सांसत में जान
डॉक्टर्स का कहना है कि सांप के काटने से मरीजों की जान बचाई जा सकती है लेकिन आमतौर पर ऐसा नही होता है। लोग स्नैक बाइट के मरीजों को अस्पताल में लाकर एंटी वेनम लगवाने के बजाय झाड़ फूक कराने चले जाते हैं। इससे मरीज अधिक सीरियस हो जाता है और उसकी जान बचाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे कई मामले सामने आए है जिसमें मरीज को वेंटीलेटर पर रखकर इलाज कराना पड़ा। तब जाकर उसकी जान बची।
कहां आए कितने मरीज
एक सप्ताह में आए 17 मरीजों में चार मरीज मुंडेरा स्थित नारायण स्वरूप अस्पताल में पहुंचे हैं। इसके अलावा आठ मरीज एसआरएन अस्पताल और चार मरीज छावनी अस्पताल इलाज कराने गए थे। एक मरीज की मौत हो चुकी है। इस मरीज की चित्रकूट से प्रयागराज आने के दौरान रास्ते में जान चली गई थी। एक्सपट्र्स का कहना है कि तपती जमीन में जीव जंतुओं को भी राहत नही मिल रही है। इसलिए बिलों से बाहर आकर विचरने लगे हैं। ऐसे में किसी इंसान के संपर्क में आने पर वह अचानक हमला कर देते हैं।
इनके काटने से जा सकती है जान
वैसे तो सांप की अनेक प्रजातियां प्रयागराज में मिल जाएंगी। लेकिन तीन ऐसी प्रजाति हैं जिनके काटने के बाद तत्काल इलाज नही मिलने से मरीज की जान जा सकती है। इनमें जिसमें करैत, नाग और वाइपर का नाम आता है। इनमें पर्याप्त मात्रा में जहर होता है और इनके डसने के बाद मरीज को लकवा मार जाता है या पूरे शरीर में जहर फैलने लगता है।
मेरी अपील है इस सीजन में जहरीले जीव जंतु बिलो से बाहर आने लगे हैं और इनके काटने के बाद लोग सीधे अस्पताल में आकर इलाज कराएं। किसी प्रकार के झाड़ फूक में आने से उनका जीवन दांव पर लग सकता है। क्योंकि सांप के काटने के बाद मरीज के पास समय काफी कम होता है।
डा। राजीव सिंह, संचालक, नारायण स्वरूप अस्पताल प्रयागराज