प्रयागराज ब्यूरो । एसएमसी की ङ्क्षप्रसिपल सिस्टर ज्योति और टीचर रीतिका मैथ्यू ने एक छात्रा को इतना टार्चर किया कि उसकी पढ़ाई ही बंद होने के कगार पर पहुंच गयी। टॉर्चर के चलते छात्रा ने स्कूल आना बंद कम कर दिया। छात्रा को मानसिक रूप से उत्पीडि़त किये जाने पर पिता ने सिविल लाइंस थाने में नामजद रिपोर्ट दर्ज करायी है। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस की तरफ से देर रात तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी थी। उधर, रिपोर्ट दर्ज करा दिये जाने की सूचना मिलने पर एसएमसी की प्रिंसिपल खुद सामने आ गयीं। उन्होंने बच्ची पर ही पूरा दोष मढ़ दिया है। कहा है कि इसमें स्कूल या टीचर का कोई रोल नहीं है।
बीमारी में छात्रा के साथ नहीं किया कोआपरेट
सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट आकलैंड रोड अशोक नगर निवासी छात्रा के अब्बा असद अहमद की तहरीर पर दर्ज की गई है। तहरीर में असद अहमद ने बताया है कि नौ वर्षीय बेटी फातिमा असद एसएमसी में तीसरी कक्षा की छात्रा है। उसका प्रवेश विद्यालय में वर्ष 2020 में कराया था। शुरू में वह एकेडमिक रूप से प्रतिभाशाली थी। वह कक्षा तीन में पहुंची तो उसे पेल्विक (रीढ़ की हड्डी के निचले भाग की चौड़ी अस्थि) की समस्या हो गई। इसकी वजह से वह नियमित विद्यालय जाने में असमर्थ हो गयी। करीब एक साल वह बिस्तर पर रही। स्वास्थ्य में कुछ सुधार हुआ तो विद्यालय जाने लगी। चिकित्सकों ने एडवाइज किया था कि बच्ची की रीढ़ की हडृडी और पेल्विक भाग की हड्डी (कमर) पर प्रेशर नहीं पडऩा चाहिए। उनका आरोप है कि इसकी पूरी जानकारी दिये जाने के बाद भी स्कूल की टीचर रीतिका मैथ्यु ने उसे ऐसी बेंच पर बैठने के लिए विवश किया जो उसकी शारीरिक दशा के अनुकूल नहीं थी। प्रिंसपल को जानकारी दी तो उन्होंने इसे सीरियसली लिया और साल्यूशन भी दिया।

बुरी लग गयी प्रिंसिपल से शिकायत
छात्रा के पिता का आरोप है कि प्रिंसिपल को पूरा सच बताने को टीचर रीतिका मैथ्यु ने अपने इगो से जोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने उनकी बेटी को मानसिक रूप से प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। शुरू में बेटी ने इस संबंध में कुछ नहीं बताया लेकिन वह तनाव में रहने लगी। इसके बाद उन्होंने पैथोलाजी जांच करायी तो पता चला कि वह सीरियस मेंटल ट्रामा में है। कंसंट्रेट न कर पाने के रोग से ग्रसित हो चुकी है। अब वह आजीवन इससे प्रभावित रहेगी। उन्होंने पूरे तथ्य बताते हुए इसकी शिकायत प्रिंसिपल से की तो उन्होंने इस पर कोई कोआपरेट नहीं किया। इस बार उन्होंने न खुद कोई साल्यूशन दिया और न ही टीचर पर कोई कार्रवाई की। इसी के बेस पर उन्होंने प्रिंसिपल पर टीचर को शह देने का आरोप लगाया है।


संबंधित अभिभावक ने अपने बच्चे का नाम पहले ही विद्यालय से कटवा लिया था। नाम कटवाते वक्त उन्होंने ऐसी कोई शिकायत नहीं की थी। अब वह झूठे आरोप लगा रहे हैं। स्कूल में बच्ची का किसी भी तरह से उत्पीडऩ नहीं हुआ है।
सिस्टर ज्योति, प्रिंसिपल एसएमसी

तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमे की पूरी विवेचना होगा। जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वीरेंद्र यादव
इंस्पेक्टर सिविल लाइंस