प्रयागराज बयूरो। गाडिय़ों की शौक और जरूरत रखने वालों के लाखों की गाड़ी खरीदने की हैसियत रखते हैं। मगर, जब बात उसके केयर की आती है तो व्यस्तता के आगे भूल जाते हैं। मगर, इस भूल यह भूल किसी लापरवाही से कम नहीं है। गाड़ी कार हो या फिर ट्रक मालिक अथवा चालक खुद से जल्दी रूटीन चेकिंग नहीं कराते। रेडिवाटर व बैट्री में पानी की चेकिंग नहीं करते। जिन गाडिय़ों में कूलिंग वाटर डाले जाते हैं भाई लोग उसे भी महीनों हो जाते हैं देखना उचित नहीं समझते। फिर चाहे कचरे की वजह से पाइप ब्लाक ही क्यों न हो जाय। गाडिय़ों की समय से सर्विंसिंग न कराना भी गाड़ी में आग लगने की एक बड़ी वजह है। कहा तो यह भी जा रहा है कि गाड़ी पुरानी हो या फिर नई, वायरिंग को बराबर चेकिंग कराना भी बेहद जरूरी है। सिर्फ इंजन के हीट होने से ही नहीं, शार्टसर्किट से भी गाडिय़ों में आग तेजी से लगती है।
आग से गाडिय़ों को ऐसे बचाएं
चलाने के पहले रेडिएटर में पानी या कूलिंग वाटर चेक करें
गाडिय़ों की बैट्री को भी अच्छी तरह से चेक करें कि उसमें पानी है की नहीं, यादि न तो उसमें तत्काल पानी डलवा दें
बैट्री की गुल्ली से बंधे वायर को चेक करें कि कहीं उसमें कोई दिक्कत या कटे तो नहीं हैं
संभव हो तो पूरी वायरिंग को चेक करें गाड़ी नई हो भी पुरानी हो तब तक इन बातों पर और भी ध्यान दें
बराबर गाड़ी की सर्विसिंग कराते रहें
यह बातें किसी भी गाड़ी के मालिक और चालक पर लागू होती है, ट्रक पर थोड़ा विशेष ध्यान देने की जरूर है
ट्रक पर माल की ओवरलोडिंग न कराएं, यदि करवा भी रहे तो इस बात ध्यान दें कि रास्ते में विद्युत पाल के खंभे व तार भी होते हैं
ओवर लोड और ऊंचाई उतना ही रखें जितने में ट्रक का सामान किसी बिजली के तार से टच न हो
केस-1
खुल्दाबाद एरिया में सोमवार रात अचानक एक ट्रक में आग लग गई। ट्रक पर किसी व्यापारी का सामान लदा हुआ था। सामान इतना ऊंचा था कि ऊपर खंभे में लगे विद्युत तार से टकरा गया। जिसकी वजह से उसमें आग लग गई। गनीमत थी कि चालक व कंडक्टर सभी बच गए थे। यदि इतना ऊंचा सामान न लदा होता तो आग नहीं लगती।
केस-2
शहर स्थित सीएमपी संगम पेट्रोल पम्प के पास पिछले हफ्ते एक कार में आग लग गई थी। इस घटना में भी शुक्र था कि लोग बच गए थे। मगर कार पूरी तरह जल गई थी। घटना का कारण कार में फायर ब्रिगेड के जवान हीट और शार्टसर्किट ही मान रहे हैं।
केस-3
सिविल लाइंस में तीन चार दिन पूर्व एक कार में आग लग गई थी। यह कार खड़ी थी। इस खड़ी कार में आग की वजह भी रेडिएटर या बैट्री के हीट को ही माना गया। यह तो वे घटनाएं हैं हाल में ही हुई है। इसके पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं।
गाड़ी कोई भी हो चलते वक्त या खड़ी करने के कुछ देर बाद आग लगने के कई कारण हैं। चालक या मालिक थोड़े सा ध्यान देकर ऐसी घटनाओं से बच सकते हैं।
आरके पांडेय मुख्य अग्निशमन अधिकारी