प्रयागराज (ब्यूरो)। माफिया अतीक और अशरफ हत्याकांड की विवेचना कर रहे विशेष जांच दल (एसआइटी) ने शुक्रवार को पुलिसकर्मियों और साक्षियों का बयान दर्ज किया। इसके साथ ही घटना के वक्त मौजूद रहे मीडियाकर्मियों को भी बयान देने के लिए नोटिस जारी की गई है। जल्द ही उनसे भी पूछताछ करते हुए घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली जाएगी।
हत्याकांड के प्रत्यक्षदर्शी हैं सभी
बताया गया है कि हत्याकांड की विवेचना कर रही एसआइटी ने शुक्रवार को ऐसे पुलिसकर्मियों का बयान अंकित किया, जिन्होंने हत्या होते हुए देखा था। पुलिस के अलावा मोती लाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय में मौजूद रहे अन्य साक्षियों से भी पूछताछ करते हुए उनका कथन अंकित किया गया। पोस्टमार्टम की कार्रवाई के दौरान पंचनामा भरने और उसमें शामिल रहे लोगों का भी बयान लिया गया। सभी ने एसआइटी के सामने अपना-अपना पक्ष रखा और हत्याकांड के बारे में जानकारी दी। कुछ लोगों ने अपने मोबाइल में वीडियो और फोटो भी कैद किया था, जिसे एसआइटी को दिखाया गया।
पुलिस का कहना है कि शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या मीडियाकर्मी बनकर वारदात करने के लिए पहुंचे थे। जिस वक्त अतीक और उसके भाई अशरफ की बाइट ली जा रही थी, उस दौरान कई वास्तविक मीडियाकर्मी भी मौजूद थे। उनके कैमरे के सामने शूटआउट हुआ। ऐसे में उनका बयान लिया जाना भी मुकदमे की विवेचना का अहम हिस्सा है। साथ ही मीडियाकर्मियों के पास मौजूद वैज्ञानिक साक्ष्य को भी विवेचना में शामिल किया जाएगा। हत्याकांड की विवेचना के लिए एडीसीपी क्राइम सतीश चंद्र, एसीपी सत्येंद्र प्रसाद तिवारी और इंस्पेक्टर ओम प्रकाश की एसआइटी बनाई गई है।
बरेली से आयी एसआइटी भी लौटी
बरेली जेल में अशरफ से अवैध तरीके से मुलाकात कर उमेश पाल की हत्या को रची गई साजिश के मामले में बरेली की एसआइटी भी जांच कर रही है। बुधवार को बरेली एसआइटी प्रयागराज आई थी और फिर यहां दर्ज एफआइआर, अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास सहित अन्य जानकारी एकत्रित की। अशरफ के साले सद्दाम सहित अन्य शूटरों के करीबियों के घर में छापेमारी करते हुए सुराग जुटाए। इसके बाद शुक्रवार को पूरा डाटा कलेक्ट करके बरेली एसआइटी वापस लौट गई।