रक्षाबंधन पर मायके आयी थीं बहनें, शुक्र है बच गई जान

बुधवार की रात करीब दो बजे दो कमरों की दीवार भरभराकर गिरी

रक्षा बंधन पर मायके आयी बहन व उनके बच्चों की जान बच गई। दरअसल रक्षा बंधन का पर्व मनाने के बाद माता-पिता की गुजारिश पर कुछ दिन और रुक जाने का वादा किया। वहीं इस बीच 25 अगस्त की रात करीब दो बजे सभी लोग सो रहे थे तभी दो कमरे की दीवार भरभराकर गिर गई। जिससे कमरे में सो रहे दो सहित आठ लोग जख्मी हो गये। जिन्हें आनन-फानन में एसआरएन अस्पताल ले जाया गया और इलाज किया गया। सभी लोग खतरे से बाहर बताये जा रहे हैं।

करीब 100 साल पुराना है मकान

लोकनाथ चौराहे के आगे कई कमरों का पुस्तैनी मकान है। इस मकान का कोई कब्जा न करे, परिवार वालों की सहमति से इस मकान को करीब 20 वर्ष पहले श्री गणेश जी महाराज विराजमान ट्रस्ट के रूम में तब्दील कर दिया गया था। वहीं जिस व्यक्ति को केयर टेकर बनाया गया उससे अन्य लोगों का विवाद शुरू हो गया। इस बीच मकान की समय से मरम्मत नहीं हो पाने से हालत जर्जर होती चली गई। जिसकी वजह से बुधवार रात मकान के पिछले हिस्से का दो कमरा भरभराकर गिर गया।

कमरे में सो रहे थे परिवार के मेंबर्स

बुधवार को सभी परिवार के सदस्य पिछले हिस्से के कमरे में सो रहे थे, रात के करीब दो बजे अचानक दीवार भसकने की आहट लगी तो लोग जग चुके थे, जब तक लोग कमरे से बाहर निकलते दोनों कमरे की दीवार का हिस्सा भरभराकर गिरने लगा, आनन-फानन में लोग कमरे से भागे पर इस दौरान मायके आयी नेहा उनका छह माह का बेटा उज्ज्वल, पिता राकेश गुप्ता व माता ममता देवी, बहन निशी गुप्ता व एक अन्य कमरे में मौजूद मायके आयी सुभासिनी पुत्री लखनबाबू गुप्ता व सुभासिनी का चार वर्षीय बेटा वेद घायल हो गया। जिससे लोगों ने तत्काल एसआरएन अस्पताल में एडमिट कराया और लोगों की मरहम पट्टी हुई, सभी लोग अब खतरे से बाहर बताये जा रहे हैं।

इस मकान में रहते हैं 50 सदस्य

लोकनाथ चौराहे से आगे बढ़ने पर श्री गणेश जी महाराज विराजमान ट्रस्ट में करीब चार लोगों की फैमिली वर्तमान में रहती है। परिवार के सदस्य श्रीकांत गुप्ता ने बताया कि इस मकान में चार लोगों की फैमिल रहती है। लगभग मिलाकर 50 लोग इस मकान में रहते हैं। आपसी विवाद के कारण मकान की मरम्मत नहीं हो सकी, जिस वजह से मकान जर्जर होता गया।

पल्ला झाड़ते नजर आये नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी

नगर निगम प्रयागराज शायद बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है। दरअसल नगर निगम के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से लेकर जोनल अधिकारी की जिम्मेदारी होती है कि जिस एरिया में जर्जर मकान हो चुके हैं उसे चिंहित कर नोटिस दे और उस मकान का ध्वस्तीकरण कराये, पर लोकनाथ में गिरे पुराने मकान के बाद भी अधिकारी गंभीर नहीं दिख रहे और इस संबंध में लोकनाथ एरिया के जोनल अधिकारी राजकुमार गुप्ता हो या चीफ इंजीनियर सतीश चंद्र किसी भी प्रकार का जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझ रहे हैं।