प्रयागराज ब्यूरो । साहब, मेरा बेटा गांजा पीता है। नशे के लिए पैसे नहीं देने पर मारपीट करने लगता है। एक दिन तमंचा लेकर मुझे दौड़ा लिया। पेट में पेचकस सटाकर जान से मारने की धमकी देता है। मुझे व मेरी पत्नी को जान से मार देने को कहता है। केस दर्ज कर लीजिए और मेरे बेटे को जेल भेज दीजिए। मैं तंग आ गया हूं। किसी दिन वह मुझे और मेरी पत्नी को मार डालेगा। यह बातें किसी फिल्मी सीन की नहीं हैं। यह रियल है, जब एक पिता ने हाथ जोड़कर अपनी आंखों में आंसू भरकर पुलिस से आपबीती बताई। यह फरियाद जब एक बूढ़े पिता ने पुलिस से की तो पुलिस हरकत में आ गई। कैण्ट पुलिस ने पिता की तहरीर पर बेटे के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

ये है मामला

बेली कालोनी के रहने वाले रमाशंकर सिंह रोडवेज में नौकरी करते थे। परिवार में पत्नी रंजू, दो बेटियां और एक एकलौता बेटा विनायक। सरकारी नौकरी थी तो रमाशंकर सिंह ने बच्चों की पढ़ाई में कोई कसर नहीं रखी। मगर एकलौता होने की वजह से बेटे विनायक की सोहबत बिगड़ गई। विनायक नशे का आदी हो गया। वह गांजा पीने लगा।

घर में शुरू हो गया झगड़ा

विनायक की उम्र अभी तीस साल के करीब है। वह इंटर में पढ़ता था तभी से नशे का आदती हो गया। बेटे की सोहबत बिगड़ गई, तो घर का सुख चैन खत्म हो गया। घर में आए दिन झगड़ा फसाद होने लगा। तंग आकर रमाशंकर ने अपनी दो बेटियों का जल्द से विवाह कर दिया।

नशे के लिए पैसा न मिलने पर वह आए दिन घर में झगड़ा करने लगा। देखते ही देखते वह घर में चोरी करने लगा। मां रंजू के कई गहने बेच डाले। मगर मां बाप बेटे के डर से खामोशी की चादर ओढ़े रहे। रमाशंकर करीब तीन साल पहले रिटायर हो गए। पिछले दिनों रमाशंकर को बेटे विनायक ने तमंचा लेकर मारने के लिए दौड़ा लिया। एक दिन बेटे विनायक ने पिता रमाशंकर के पेट में पेचकस सटा दिया। इसके बाद पेचकस पेट में घोंप देने की धमकी देने लगा। पत्री रंजू ने किसी तरह पति को बचाया। बेटे की हरकतों में कोई सुधार नहीं हुआ, जिस पर थकहार कर पिता रमाशंकर कैण्ट थाने पहुंचे। तहरीर पढ़कर पुलिस वालों ने सवाल शुरू कर दिया। इस पर रमाशंकर ने हाथ जोड़ लिया। आंख में आंसू आ गए। रमाशंकर ने अपने मन की व्यथा पुलिस को सुना दी। जिस पर पुलिस ने बेटे विनायक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

आंसू में बह गए अरमान

आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने रमाशंकर से बात की। रमाशंकर की आवाज भर्रा गई। बोले, एकलौता बेटा है। बेटे को पढ़ा लिखाकर अफसर बनाने की इच्छा थी। मगर वह न जाने क्या बन गया। इंटर के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी। न जाने कितने साल सारी तकलीफ ज्यादती बर्दाश्त किया कि बेटे में शायद कोई सुधार हो जाए। मगर अब हिम्मत नहीं बची है। पुलिस से कहा है कि बेटे को गिरफ्तार करके जेल भेज दीजिए।

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रखिए बढ़ते बच्चों पर नजर

- बच्चों से उनके दोस्तों के बारे में जरुर पूछिए।

- बच्चों के घर से बाहर आने जाने के समय पर नजर रखिए।

- बच्चों को वॉच कीजिए कि कहीं वो किसी प्रकार का नशा तो नहीं करते।

- कभी कभी बच्चे के दोस्तों को घर बुलाकर उनसे भी बात कीजिए।

- स्कूल से घर आने के दौरान रास्ते में बच्चे पर नजर रखिए।

- पैसा उतना ही दीजिए, जितनी जरुरत है।

- बच्चे को पैसा दीजिए तो उसका हिसाब लीजिए।