प्रयागराज (ब्यूरो)। लखनऊ के प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल में पीटने के मामले में गौसनगर का रहने वाला हमजा अंसारी को सीबीआई की स्पेशल टीम एक दिन पहले गिरफ्तार अपने साथ लखनऊ से गई है। हमजा अंसारी पहले सिम व मोबाइल फोन का डीलर का काम करता था। उसको सिम एक्टिवेट कैसे फर्जी आईडी पर किया जाता है इसकी पूरी पूरी जानकारी है। वह मौजूदा समय में हार्डवेयर का काम कर रहा था। सूत्रों की मानें तो सीबीआई की जांच के दौरान एक नंबर के बारे में जानकारी हासिल हुई। जिसको जेल से अतीक अहमद ऑपरेट कर रहा था। वह उसी नंबर के जरिए बाहर का पूरा सम्राज्य चलता था। किसी को डांटना हो या पूरी बाहर हो रही गतिविधियों की जानकारी लेना, यही नहीं अतीक इसी फोन नंबर से अपने गुर्गों से बात कर पूरी प्लानिंग को समझता था।
एक के बाद एक गुत्थी सुलझी
सीबीआई ने जब जांच शुरू की तो एक नंबर निकल कर आया। जो जेल के अंदर से इस्तेमाल होता था। उस नंबर को ट्रेस करने के बाद उस व्यक्ति के पास सीबीआई टीम पहुंची। पुलिस ने उससे संपर्क किया तो एक अलग ही कहानी सामने आई। पुलिस के सामने एक के बाद एक गुत्थी सुलझती चली गई। उसने बताया कि वह सिम उसने करेली के रहने वाले हमजा अंसारी नाम के व्यक्ति से लिया था। लेकिन, उसका यह भी कहना था कि उसका सिम उसके पास है। इसके बाद जब जांच पड़ताल आगे बढ़ी तो पता चला कि करेली की जिस दुकान से यह सिम बेचा और एक्टिवेट किया गया, वह हमजा अंसारी की है।
यह बात भी आई सामने
सूत्रों की माने तो सीबीआई टीम द्वारा पकड़े जाने पर हमजा अंसारी ने बताया कि उसकी दुकान पर एक व्यक्ति सिम लेने आया था। उसने उसे सिम तो दे दिया लेकिन जालसाजी करते हुए उसकी आईडी पर दो और सिम एक्टिवेट कर लिए। इन्हीं में से एक सिम अतीक अहमद को दिया गया था। अब सीबीआई टीम यह भी पता लगा रहा है कि एक और सिम किसको दिया है।