विवेकानंद चौराहा टर्निग से सुभाष चौराहा तक सिग्नल बंद होने के बाद जाम लगना हुआ बंद

राणा प्रताप चौराहे से विवेकानंद चौराहे तक 500 मीटर से भी कम दूरी पर चल रहे तीन सिग्नल

सांसद की मौजूदगी में हुई मिटिंग में शहर के ट्रैफिक सिग्नल्स पर यूं ही सवाल नहीं उठाया गया। अपना ही शहर साक्षी है कि ट्रैफिक सिग्नल बंद होने के बाद कैसे समस्या का समाधान अपने आप सामने आ गया। कैसे यहां सिग्नल लगाये जाने के बाद भी ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी रिलैक्स फील करने लगे। इसी के चलते सिग्नल सवालों के घेरे में है। स्पेशली ऑफिस आने और जाने के समय सिग्नल्स पर रुकना इरीटेट करने वाला होता है।

ढाई मिनट में पार हुआ चौराहा

विवेकानंद चौराहे पर लगने वाली जाम की समस्या से लोग कितना परेशान हैं यह किसी से छिपा नही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने बुधवार दोपहर तीन बजे इस समस्या को महसूस किया। थार्नहिल रोड की ओर से सिविल लाइंस चौराहा जाने के लिए रिपोर्टर बाइक से निकला तो सिग्नल पर रिपोर्टर को तीन मिनट 10 सेकंड तक रुकना पड़ा। क्योंकि यहां 120 सेकंड वेटिंग टाइम है और जब सिग्नल ग्रीन हुआ तो चौराहे पर जाम लग गया क्योंकि पीडी टंडन रोड की ओर से आने वाली पब्लिक बाई ओर का पास चाह रही थी। इस बीच दूसरी ओर से सिग्नल भी ग्रीन हो गया और चौराहे पर भीषण जाम लगा। रिपोर्टर ने धीरे-धीरे चौराहे को क्रास किया।

इन चौराहों पर बंद कराए गए सिग्नल

ऐसा नही है कि एसपी मार्ग पर पूर्व पर सिग्नल नहीं लगे थे।

यहां विवेकानंद चौराहे के अलावा यात्रिक चौराहा, हाट स्टफ और सुभाष चौराहे पर सिग्नल लगे हैं

सिग्नल्स के वर्किंग रहने के दौरान यहां अक्सर जाम लगता था

इसका इंपैक्ट आसपास स्थित मार्केट पर पड़ने लगा क्योंकि लोगों के पास यहां रुकने की गुंजाइश नहीं थी

इससे व्यापारियों को भी नुकसान होता था क्योंकि सिग्नल पर रुकने वाले वाहन लगातार प्रदूषण फैला रहे थे

इसकी शिकायत व्यापारियों ने की तो तीनों चौराहों से एक-एक कर सिग्नल बंद करा दिया गया

इसके बाद अब इस रास्ते से गुजरने वाले किसी व्यक्ति को कोई शिकायत नहीं है

इन तीन चौराहों जैसी कहानी अब विवेकानंद की होने लगी है

यहां सिग्नल्स बिजनेस पर असर डालने लगे हैं

बैरीकेडिंग बनी मुसीबत

कोरोना काल से पत्थर गिरिजाघर की ओर से आने वाली रोड पर दोनों ओर बैरीकेडिंग लगा दी गई है।

जिससे वाहन काफी धीमी गति से निकलते हैं और कई बार जाम भी लग जाता है।

सेम कहानी बालसन और हिंदू हॉस्टल चौराहे की भी है

यहां एक समय में एक ही वाहन पास हो सकता है जबकि सड़क एक तरफ 20 मीटर चौड़ी है

जाम लगते ही ब्लिंक हो गए सिग्नल

रिपोर्टर ने मौके पर एक और मामला देखा। दोपहर में तीन बजे के बाद नवाब युसुफ रोड टी प्वाइंट पर लगे सिग्नल को अचानक ब्लिंक कर दिया गया। सिग्नल की वजह से लगने वाले जाम से बचने के लिए जिम्मेदारों ने यह फैसला लिया। इसके बाद ट्रैफिक स्मूथली रन करने लगा।

रात में एक्सीडेंट का कारण बनती है बैरीकेडिंग

दुकानदारों ने भी बातचीत में बताया कि विवेकानंद चौराहे पर सिग्नल लगने से उनका बिजनेस प्रभावित हो रहा है। वाहनों का काफिला लगने और इसके छूटने के बाद मची अफरा तफरी की वजह से लोग उनकी शॉप के सामने रुकना पसंद नहीं करते हैं। इसकी शिकायत व्यापारियों ने अधिकारियों के सामने जाहिर भी की है। व्यापारियों का कहना है कि जब तब चौराहों पर बैरीकेडिंग लगा देने से रात में लोग इनसे अनजाने में भिड़कर चोटिल होते हैं।

सिविल लाइंस कामर्शियल एरिया है। यहां पर वैसे भी सिग्नल का कोई काम नहीं है। आप देखिए कि जहां से सिग्नल हटाया गया है वहां पर ट्रैफिक पहले से अधिक स्मूदली रन कर रहा है।

अवंतिका टंडन

उपाध्यक्ष, सिविल लाइंस उद्योग महिला व्यापार मंडल

हाट स्टफ और यात्रिक चौराहों पर आखिरकार प्रशासन और पुलिस विभाग को सिग्नल हटाने पर मजबूर होना पड़ा। इसका कारण व्यापार प्रभावित होना था। विवेकानंद चौराहे पर भी यही हालात पैदा हो रहे हैं जिस पर ध्यान देना जरूरी है।

विकी टंडन, व्यापारी

व्यापारियों की शिकायत है कि विवेकानंद चौराहे पर सिग्नल लगा होने से उनकी दुकानों पर लोगों ने आना बंद कर दिया है। जैसे तीन चौराहों पर सिग्नल हटाया, ऐसे ही अन्य चौराहों को भी जामविहीन करने के लिए बड़े निर्णय लेने चाहिए।

विशाल कनौजिया

उपाध्यक्ष, सिविल लाइंए उद्योग व्यापार मंडल

चौराहों पर बैरीकेडिंग लगाने का मतलब आज तक किसी के समझ नहीं आया। खुद पुलिस वाले भी पूछने पर इसका कारण नहीं बताते। नवाब युसुफ रोड टी प्वाइंट पर भी सिग्नल हटा देना चाहिए। यहां भी सिग्नल ऑन होने पर काफी जाम लगता है।

उमंग कुमार, व्यापारी