प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शुक्रवार को रेलवे अधिकारियों को ट्वीट कर एक पैसेंजर ने ऐसी ही शिकायत अधिकारियों से की। जिसके बाद अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लेते टेक्निकल डिपार्टमेंट को फारवर्ड कर प्राब्लम दूर करने का आदेश दिया। पैसेंजर्स की इन्हीं समस्याओं को लेकर शनिवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने प्रयागराज जंक्शन पहुंचने वाली दो ट्रेनों के कोच का रियलिटी चेक किया। इस दौरान पाया गया कि इलेक्ट्रिसिटी फ्लक्चुएशन के साथ कोच में लगे ज्यादातर चार्जिंग प्वाइंट, पंखे और लाइट के बटन तक शो पीस बने हुये है।

इन दो ट्रेनों का किया गया रियलिटी चेक
पैसेंजर्स की इसी उत्पन्न होनी वाली समस्याओं लेकर शनिवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट रिपोर्टर प्रयागराज जंक्शन के नौ और दस नंबर प्लेटफार्म पर पहुंच गया। उस समय लगभग साढे चार बजे का समय था। एक प्लेटफार्म पर कामायनी एक्सप्रेस और दूसरी तरफ प्लेटफार्म रॉची-लोकमान्य तिलक ट्रेन आकर खड़ी थी। कामायनी एक्सप्रेस के बी-वन एसी कोच तक के कई सीटों पर चार्जिंग प्वांइट काम नहीं कर रहे थे। वहीं एस-10 व अन्य कोच में चार्जिंग प्वाइंट टूटे हुये थे। कुछ सीटों पर पंखे और लाइट वाले बटन खराब पड़े थे। यह ही आलम रॉची-लोकमान्य तिलक के कोच बी-2 में लाइट का बटन खराब मिला तो कुछ स्लीपर कोच में चार्जिंग प्वांइट काम न करने पर दूसरी की सीट पर जाकर चार्ज कर रहे थे। कोच में लगे इलेक्ट्रिक उपकरणों के बारे में पूछने पर पैसेंजर्स ने खुलकर रेलवे सुविधाओं के बारे में बताया।

शोभित नाम के पैसेंजर ने किया था ट्वीट
वाराणसी से ग्वालियर जाने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस ट्रेन के कोच नंबर एस-1 में सफर कर रहे शोभित त्रिवेदी नाम के एक पैसेंजर ने ट्वीट कर अधिकारियों को बताया कि वह जब से ट्रेन में बैठे है। तब से इलेक्ट्रिसिटी फ्लक्चुएशन की प्राब्लम बराबर बनी हुई है। ट्रेन के हर बार धीमी व तेज गति होने पर कट जाती है। इस कोच में इलेक्ट्रिक फ्लक्चुएशन की प्राब्लम ज्यादा है।

दूसरे के सीट पर बैठकर मोबाइल चार्ज करना पड़ रहा है। मेरी सीट पर चार्जिंग प्वांइट काम करना तो दूर टूटा पड़ा है। सफर के दौरान मोबाइल का बैटरी सबसे ज्यादा डिस्चार्ज होता है। टिकट का पैसा पूरा लिया जाता है। लेकिन सुविधाओं में कटौती की जाती है।
श्रीपत पांडेय, पैसेंजर

हमारे सामने वाले सीट पर एक व्यक्ति बैठे है। उनका मोबाइल इस वक्त चार्जिंग में लगा है। क्योंकि दोनों के सीट के बीच में दो चार्जिंग प्वाइंट तो दिया गया है। लेकिन काम एक ही चार्जिंग प्वाइंट कर रही है। सामने वाली सीट का पंखा तक ऑन नहीं हो रहा है। पता नहीं बटन खराब है या फिर पंखा।
शिव शंकर यादव

रेलवे के ट्रेनों की सुविधा कितनी अच्छी है। यह किसी से छुपा नहीं है। इसलिए हर बार हम सफर के दौरान पॉवर बैंक साथ लेकर चलते है। आज भी ऐसा ही हुआ। जिस सीट का रिर्जेवेशन है। उस सीट का चार्जिंग प्वाइंट का काम रहा है। लेकिन पंखा नहीं चल रहा है। अभी फिलहाल सामने वाली सीट पर कोई नहीं है तो उनके सीट पर पंखे का हवा लेने के लिए बैठ गए है।
राजेश कुमार

आज के समय आदमी को खाना कम मिल जाये चल जाता है। अगर मोबाइल चार्ज नहीं है तो आदमी टेंशन में आ जाता है। पहले यह समस्या ज्यादातर बसों में हुआ करती थी। लेकिन अब यह समस्या ट्रेनों में भी बढ़ गई है। लाइट भी कुछ ज्यादा धीमी है। तभी पंखा धीरे चल रहा है। रेल प्रशासन को बस एस कोच पर ध्यान रहता है। जनरल व स्लीपर कोच पर ध्यान नहीं देते है। क्योंकि यहां सफर करने वाला आदमी जल्दी शिकायत नहीं करता है।
बृजराज

अगर इस तरह की समस्या इन ट्रेनों में है तो चेक करवा ठीक कराया जाएगा। कोच में पैसेंजर्स को दी जाने वाली सुविधाओं को अक्सर और बेहतर देने के लिए रेलवे हर मुमकिन कोशिश करता है।
अमित कुमार सिंह, प्रयागराज मंडल के पीआरओ