प्रयागराज (ब्‍यूरो)। पैदल चलने वाले हर वक्त रिस्क लेकर सड़क पर चलते हैं। इससे खतरे की संभावना भी होती है और ट्रैफिक मूवमेंट भी स्लो हो जाता है। इसके बाद भी इस तरफ जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है। सेम कहानी मेडिकल कालेज से बालसन चौराहा और रामबाग फ्लाईओवर की तरफ जाने वाली सड़क की भी है। फुटपाथ पर कब्जा करके दुकान लगाने वालों ने अफसरों को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया।

बोलने पर मारपीट का खतरा
फुटपाथ और सड़क को अतिक्रमण व कब्जा मुक्त कराने की जिम्मेदारी सरकार ने जिन अफसरों को दे रखा है वह अपनी आंख में पट्टी बांध रखे हैं। लिहाजा शहर के पॉश एरिया सिविल लाइंस में फुटपाथ पर हर तफ ठेला लगाकर लोग कब्जा कर रखे हैं। सड़क चौड़ी करके सरकार द्वारा फुटपाथ बनाया गया था कि पैदल यात्री सुरक्षित तरीके से इस पर सिविल लाइंस में चल सकेंगे। शुरुआती दिनों में इस फुटपाथ के बन जाने से पैद यात्रियों को बड़ी राहत और सुरक्षित सफर करने में मदद मिली थी। कुछ वक्त व महीना बीतते देर नहीं कि अधिकारी आंख बंद कर लिए। उनकी आंख में पट्टी बंधते ही फुटपाथ पर चारों तरफ ठेला लगाकर कब्जा कर लिया गया।

रास्ता तो बचा ही नहीं है
फुटपाथ पर कब्जे की वजह से पैदल यात्रियों को मजबूरी में सड़क से आना जाना पड़ता है। इसकी वजह से उनके एक्सीडेंट का खतरा हर पल यहां बना रहता रहा है। फुटपाथ पर कब्जा करके लगाई गई इन दुकानों पर आने वाले ग्राहक गाडिय़ों को रोड पर खड़ी कर देते हैं। ऐसी कंडीशन में सड़कों पर भी चलना जोखिम भरा हो जाता है। ट्रैफिक मूवमेंट भी ब्लाक होता है। फुटपाथ पर कब्जा करने वालों से बोलना उनके लिए आफत बन जाती है। संगठित होकर दुकानदार उस शख्स से विवाद कर बैठते हैं।

आप फुटपाथ की बात कर रहे हैं। यहां दुकानदार रोड पर कब्जा कर रखे हैं। सिविल लाइंस हो या चौक, आप प्रयागराज रेलवे स्टेशन चौराहे प्रीतम नगर की ओर जाइए। चारों तरफ फुटपाथ पर कब्जा है। बचे हुए स्पेश में लोग चार पहिया व बाइकें खड़ी कर देते हैं। कब्जे की वजह से शहर के अंदर फुटपाथ और रोड की बहुत पुअर कंडीशन है।
तृप्ति मिश्रा प्रीतम नगर

बेरोजगारी का मतलब यह तो नहीं कि फुटपाथ व सड़क पर ही कब्जा कर लेंगे। फुटपाथ पर कब्जे की वजह से लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है। ठेला वाले दुकान फुटपाथ पर लगाकर तो कब्जा कर ही रखे हैं, रोड पर भी इनकी वजह से कब्जे जैसे हालात बने हुए हैं। सरकार की मंशा दम तोड़ रही है फिर भी अफसर मौन हैं।
अंकुर श्रीवास्तव नवाबगंज

फुटपाथ पर दुकान लगाना कानूनन अपराध है। इसे हटाने व फुटपाथ खाली कराने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। नगर निगम के लोग इस ओर ध्यान ही नहीं देते। इसका खामियाजा आम पब्लिक को भुगतना पड़ता है। पटरी दुकानदारों को फुटपाथ से हटाकर रोजगार के लिए कोई एक लेन निर्धारित कर देना चाहिए।
राणा प्रताप सिंह अधिवक्ता हाईकोर्ट

दुकान ही लगनी तो फुटपाथ बनाया ही क्यों गया। फुटपाथ बनाया गया है तो मॉनीटर भी किया जाना चाहिए कि वह किस स्थिति में है। अफसरों के ध्यान न देने से कब्जे बढ़ते चले जा रहे हैं। पब्लिक झेलती है तो अफसरों की बला से।
अशोक कुमार कुशवाहा तेलियरगंज