प्रयागराज (ब्‍यूरो)। अगर आप तालाब या पोखर के ठहरे हुए पानी में नहाने जा रहे हैं तो होशियार हो जाइए। ये घटना आपके साथ भी हो सकती है। दरअसल, सिविल लाइंस स्थित नाजरेथ अस्पताल में सोमवार को एक सर्जरी को अंजाम दिया गया। जिसमें मरीज की नाक से जोंक को निकाला गया। वह दो सप्ताह से मरीज की नाक मे छिपकर उसका खून चूस रहा था। अपने आप में पहली और अदभुत घटना को सभी आश्चर्यजनक मान रहे हैं। डॉक्टर्स ने दूरबीन विधि से आपरेशन कर जोंक को बाहर निकाल लिया।

रुके हुए झरने में गए थे नहाने
लूकरगंज एरिया के रहने वाले सेसिल एंड्रयू गोम्स दो सप्ताह पहले उत्राखंड के एक वाटर फाल में नहाने गए थे।
तभी से उनकी नाक से लाल और काले रंग का खून आने लगा। इस दौरान उन्हें नाक में कुछ हलचल सी महसूस होती थी। वहीं एक दिन उन्होंने अपनी नाक का जब वीडिया बनाया, तो कोई काली चीज थोड़ी बाहर आई, फिर अंदर चली गई। जिसके बाद वह रविवार को सिविल लाइंस स्थित एक नाजरेथ अस्पताल में दिखाने पहुंचे। जहां जांच करने पर कुछ पता नहीं चला। इसके बाद मरीज ने वीडियो दिखाया, जिसके बाद ईएनटी सर्जन डॉ। सुभाष चंद्र वर्मा ने नाक का दूरबीन विधि से सर्जरी करके एक जीवित फॉरेन बॉडी (ज़ोक) को सफलतापूर्वक निकाला।

बच गई मरीज की जान
डॉ। वर्मा का कहना है कि मरीज के बाई तरफ नाक में अंदर काफ़ी गहराई में जोक टर्बिनेट के पीछे छिपा हुआ था और धीरे-धीरे वहां से खून चूस रहा था। भगवान का शुक्र है कि वह नाक के रास्ते दिमाग या आंख में नही गया। वरना मरीज की जान को भी खतरा हो सकता था। यह सर्जरी महज दस मिनट में समाप्त हो गई। सर्जरी के थोड़ी देर बार मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसके अलावा मरीज को दस दिन बाद फॉलोअप के लिए अस्पताल बुलाया गया है। सर्जरी के दौरान बेहोशी के डॉ। एसबी सिंह, सिस्टर अन, सिस्टर शिनू, डॉ। अनिर्विना आदि उपस्थित रहे।

यह अपने आप में अजीबो गरीब मामला है। शहर में ऐसा पहली बार हुआ है जब मरीज की नाक से जों क को निकाला गया है। उसे एक जार में रखा गया है। मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे फालोअप के लिए बुलाया गया है।
डॉ। सुभाष चंद्र वर्मा, ईएनटी सर्जन नाजरेथ अस्पताल प्रयागराज