प्रयागराज (ब्यूरो)।। जिंदगी और मौत का कोई भरोसा नहीं। जिंदगी पर कब बन आए कुछ कहा नहीं जा सकता है। कुछ ऐसा ही हुआ शिप्रा के साथ। शिप्रा ने शायद ही कभी सोचा हो कि जिस कुएं के पास से वह रोज आती जाती है उसी कुएं में वह गिर जाएगी। सोमवार को आम बीनने के दौरान शिप्रा कुएं में गिर गई। उसका पैर फिसल गया। वह कुछ समझ पाती इसके पहले वह कुएं में गिर चुकी थी। साथ रहे बच्चों ने हल्ला मचाया तो घर वाले दौड़े। परिवार के लोग उसे बचाने की जुगत में लग गए। कोई कामयाबी मिलते न देख फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। दमकल कर्मियों ने एक घंटे की मशक्कत के बाद उसे बाहर निकाला। उसे गंभीर चोटें आईं। उसे उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया।

घर के पास है गहरा कुआं
ममोली गांव के रहने वाले रविंद्र नाथ शुक्ला के घर के दरवाजे पर कुआं है। पहले उस कुएं से घर के लोग पानी भरते थे। मगर सबमर्सिबल लग जाने के बाद कुआं निष्प्रयोज्य हो गया।
रविंद्र की की बेटी शिप्रा शुक्ला (20) और आसपास के बच्चे कुएं के पास आम बीन रहे थे। अचानक न जाने क्या हुआ कि उसका पांव फिसल गया। वह कुएं में गिर गई। उसे गिरता देख आम बिन रहे बच्चे चिल्लाए। करीब पचास फीट गहरे कुएं में गिरी शिप्रा बचाव के लिए चिल्लाने लगी। उसकी आवाज सुनकर घर की महिलाएं रोने चिल्लाने लगीं। रविंद्र का भतीजा अरुण शुक्ला और मजदूर सिरजन रस्सी लाकर शिप्रा को कुएं से बाहर निकालने की जुगत करने लगे। वह रस्सी के सहारे नीचे उतरे। मगर नीचे पानी में छटपटा रही शिप्रा को वह पकड़ नहीं पा रहे थे।

कुएं में लोहे के गाटर से चोटहिल हो गई छात्रा
कुएं में पहले ट्यूबवेल लगा था। जिससे खेत की सिंचाई होती थी। ट्यूबवेल तो निकाल दिया गया, मगर उसके लिए कुएं के अंदर लगा लोहे का गाटर निकाला नहीं गया। शिप्रा अंदर गिरी तो वह गाटर से टकरा गई। जिससे उसे कई जगह गंभीर चोट आई। नीचे पानी था। वह पानी में डूबने उतराने लगी। किसी तरह उसने गाटर पकड़ लिया।

14 मिनट की दूरी 16 मिनट में तय की

करीब 11 बजकर 58 मिनट पर फायर ब्रिगेड मेजा को छात्रा के कुएं में गिरने की सूचना मिली। दोपहर का समय होने की वजह से कई फायर मैन खाना खा रहे थे। घटना की जानकारी मिलते ही सभी खाना छोड़कर भागे। आननफानन में यूनिट प्रभारी सियाशरण सिंह, फायर मैन सुनील कुमार पांडेय, रामकुमार यादव, दुर्गाप्रयाद यादव और हरीश पाल निकले। फायर स्टेशन मेजा तहसील के बगल है। यहां से ममोली गांव की दूरी करीब 14 किलोमीटर है। फायर ब्रिगेड की टीम ने 14 किलोमीटर की दूसरी महज 16 मिनट में तय की। दमकल के पहुंचते ही लोगों ने राहत की सांस ली। फायर मैन रेस्क्यू करने में जुट गए। कुर्सी में रस्सी बांधकर नीचे उतारी गई। उसके सहारे शिप्रा कुएं से बाहर निकली तो लोगों ने राहत की सांस ली।

फायर यूनिट की फास्ट मूवमेंट से बची जान
11: 58 पर फायर ब्रिगेड को सूचना मिली
12:03 पर फायर यूनिट घटना स्थल के लिए रवाना हुई।
12:19 पर फायर यूनिट घटना स्थल पर पहुंची।
12:21 पर रेस्क्ूय शुरू किया।
12:50 पर छात्रा को सकुशल कुएं से निकाल लिया गया।

घटना की सूचना मिलते ही फौरन टीम रवाना हुई। बहुत तेजी के साथ टीम घटना स्थल पर पहुंची। करीब आधे घंटे में छात्रा को कुएं से निकाल लिया गया।
सियाशरण सिंह, फायर यूनिट प्रभारी मेजा

मेजा फायर यूनिट ने तेजी से रेस्क्ूय को अंजाम दिया। फायर यूनिट की फास्ट मूवमेंट से छात्रा की जान बच गई। ऐसी किसी भी घटना पर लोगों को फायर यूनिट को सूचना देने में देर नहीं करना चाहिए।
आरके पांडेय, सीएफओ, फायर ब्रिगेड