प्रयागराज ब्यूरो ।
60
फीट है पांडाल की ऊंचाई
300
वालंटियर्स लगाए गए हैं सुरक्षा व्यवस्था के लिए
784
वर्ग फीट एरिया में बनाया गया है
पांडाल
शहर की नामचीन कमेटियों में शामिल दरभंगा कालोनी दुर्गापूजा कमेटी की ओर से इस बार दुर्गापूजा पांडाल को शीशमहल थीम पर तैयार किया गया है। पूरे पांडाल को डार्क ब्लू ब्लैक ग्राउंड और मिरर वर्क पर सजाया गया है। जिससे यह अलग ही नजर आता है। कमेटी के वाइस प्रेसीडेंट सुब्रतो वासु का कहना है कि शहर के दूसरे पांडालों में यह यूनिक है और इसकी तैयारी छह माह पहले से शुरू कर दी जाती है। कमेटी के पदाधिकारी एक साथ बैठकर थीम का चयन करते हैं। फिर इसे कोलकाता के कारीगरों से तैयार करवाया जाता है।
अलग फील देगी ये थीम
सुब्रतो कहते हैं कि दिन हो या रात का समय, यह थीम अलग ही फील देगी। लाइट पडऩे पर पांडाल दूर से जगमगाएगा। जिसे देखने का बार बार मन करेगा। उन्होंने बताया कि बांस-बल्ली के स्ट्रक्चर पर पूरा पांडाल बना है लेकिन यह नजर नही आता है। उन्होंने बताया कि पांडाल में स्थापित मां दुर्गा सहित अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां भी इसी थीम पर सजाई गई हैं। उनके गहने जूट के सोलह से तैयार किए गए हैं। मिरर के गहने और ब्लू कलर का टच दिया गया है। मूर्तियां पूरी तरह से इको फ्रेंडली हैं और विसर्जन के दौरान पानी में यह तत्काल डिजाल्व हो जाएंगी।
25 से 30 कारीगर लगाए गए
पांडाल को तैयार करने में 25 से 30 कारीगरों को लगाया गया था। देवी-देवताओं की मूर्तियों में राइस का भूसा भरा गया है। पांडाल 784 वर्ग फीट एरिया में बनाया गया है। गलियारे ंकी गहराई 90 फीट से अधिक है। पांडाल की ऊंचाई भी 60 फीट है। इस दिव्य और भव्य पांडाल में अपोजिट साइड में देखने पर देवी माता का चेहरा नजर आता है। बताया कि सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन दोपहर ढाई बजे से पांडाल के पीछे भक्तों को भोग प्रसाद खिलाया जाएगा। पांडाल की पूरी व्यवस्था को संभालने में 250 से 300 वालंटियर्स लगाए जाएंगे। शुक्रवार सुबह पांडाल में देवी और देवताओं की मूर्ति की स्थापना हो चुकी थी। रात आठ बजे सभी को पूजन विधि के बाद अस्त्र-शस्त्र धारण कराए गए।