प्रयागराज (ब्यूरो)। जेल में बदमाश शहंशाह से दोस्ती के बाद शेबू एटीएम से पैसे चुराने का काम छोड़ दिया। शहंशाह और शेबू जेल से बाहर आए तो अक्सर मिलने लगे। शहंशाह ही उसे वाशिद अली आदि लुटेरों से मिलाया। इसके बाद वह बदमाशों के इस गैंग में शामिल हुआ और साथ में वारदात को अंजाम देने लगा। मनमोहन पार्क के पास सरिया शॉप में हुई छह लाख की टूट के खुलासे में शामिल टीम से जुड़े सूत्रों की मानें तो यह गैंग एक के बाद एक प्रतापगढ़ और प्रयागराज में लूट की कई घटनाओं को अंजाम दिया।

मऊआइमा में भी की थी लूट

मऊआइमा में ग्रामीण के सहज जनसेवा केंद्र में दो बार लूट इसी गैंग ने लूट की थी। इतना ही नहीं लालगंज प्रतापगढ़ में बीड़ी व्यापारी से हुई लाखों रुपये की लूट को इसी गैंग ने अंजाम दिया था। यह गैंग सिर्फ यही नहीं मेरठ टीपी नगर में बैंक के एक गार्ड की गन तक लूटकर भाग गए थे। अभी 16 अगस्त को सोरांव में पेट्रोल पम्प पर लुट की वारदात भी इसी गैंग की देन थी। प्रतापगढ़ में लूट करने के बाद सभी प्रयागराज व मुंबई तक चले जाते थे और यहां लूट के बाद प्रतापगढ़ भाग जाते थे। खैर, 17 तारीख को मनमोहन पार्क के पास सरिया शॉप में की गई लूट में जिस बाइक का इस्तेमाल किया गया वह चोरी की थी। खुलासे व गिरफ्तारी के बाद मालूम चला कि छह लाख की लूट में शामिल बाइक कमलेश यादव निवासी कमला नगर बीरापुर की थी। सरिया शॉप में लूट के बाद चोरी की बाइक राजापुर में खड़ी करके जिस कार से बदमाश भागे थे वह मुठभेड़ में गिरफ्तार वासिद अली की थी। वासिफ भी प्रतापगढ़ जिले का ही है। इसी कार से यह गैंग घटना के पूर्व रेकी का काम किया करता था। लूट की घटना में यह गैंग चोरी की बाइक का ही इस्तेमाल किया करता था।

बेटे का इलाज कराने गया था कमलेश

पुलिस सूत्रों की मानें तो बीरापुर निवासी कमलेश यादव 16 अगस्त को बाइक से बेटे का इलाज कराने के लिए सोरांव गया था। हॉस्पिटल के पास वह बाइक में चाबी निकालना भूल गया और बेटे को लेकर डॉक्टर के पास चला गया। चाबी लगी बाइक को देखकर शेबू आदि बदमाशों को आइडिया आया कि 17 अगस्त को सरिया लूटकांड में इसी बाइक का इस्तेमाल किया जाएगा और उसकी इस मोटर साइकिल को चुरा लिए।