काफी दिनों से क्षतिगस्त है ब्रिज की सड़क

2012 में शास्त्री ब्रिज की सड़क बनाई गई थी

गंगा पर बने शास्त्री ब्रिज की सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। इसके अलावा ब्रिज के ज्वाइंट एक्सटेंशन, बिय¨रग, क्रास बैरियर आदि की भी रिपेय¨रग होनी है। अब इसका डीपीआर बनाने के लिए सेतु निगम ने टेंडर कर दिया है। डीपीआर बनने और फिर उसकी स्वीकृति के बाद काम शुरू होगा।

बन गये गढ्डे दिखने लगी है सरिया

गंगा पर बना शास्त्री ब्रिज प्रयागराज को वाराणसी, गोरखपुर, जौनपुर आदि को जोड़ता है। शहर का एक हिस्सा भी पुल के उस पार बस चुका है। इसलिए इस पुल पर ट्रैफिक लोड अधिक है। रोजाना लाखों लोगों का आवागमन होता है। पुल पर वाराणसी की ओर जाने वाले लेन पर पिछले कुछ सालों से ओवरलोड वाहन अधिक गुजर रहे है। प्रयागराज से गिट्टी, बालू और सिलिका सैंड आदि खनिज लेकर ओवरलोड वाहन धड़ल्ले से गुजरते हैं। इसलिए एक लेन ज्यादा क्षतिग्रस्त हो गई है। 2012 में पुल पर मैट्रिक्स की सड़क बनाई गई थी। लेकिन ओवरलोड वाहनों के चलते यह समय से पहले उखड़ गई। कई बार इसकी पैचिंग हुई लेकिन वह भी थोड़े दिन में उखड़ जा रही है। पिछले दिनों पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड तीन ने इसके रिपेय¨रग का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। प्रस्ताव बनाया गया कि इसके दोनों लेन में मैट्रिक्स की सड़क बनाई जाय। इसके दोनों ओर क्रास बैरियर बनाए जाय। जिससे हादसों में कमी आएगी। वहीं फुटपाथ को ऐसे बनाया जाय कि उस पर बड़ी गाडि़यां न चढ़ सकें। अभी फुटपाथ पर बड़े वाहन भी चढ़ जा रहे है। लेकिन उसे स्वीकृति नहीं मिली। शासन ने इसके डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी अब सेतु निगम को सौंप दी है। सेतु निगम के महाप्रबंधक सुनील कुमार ने इसका टेंडर जारी कर दिया है। इसका डीपीआर निजी एजेंसी बनाएगी। फिर उसकी स्वीकृति के बाद मैट्रिक्स की सड़क के अलावा ज्वाइंट एक्सटेंशन भी रिपेयर किए जाएंगे।