प्रयागराज (ब्‍यूरो)। ब्रिज पर जाम लगने की स्थिति में जल्दबाजी में लोग बीच में कट के रास्ते से चालू किए गए लेन पर आ जाते हैं। ऐसी स्थिति में लगने वाले जाम में हर यात्री को घंटों फंसना पड़ रहा है। वन-वे ब्रिज के बीच में भी लोग खाली जगह पाते ही बैरिकेडिंग तोड़ देते हैं। आगे निकलने की जल्दबाजी में बैरिकेडिंग के बीच खाली जगह मिलते ही वह ओवर टेक कर लेते हैं। पुल के पास रोड पर कट से और वन-वे लेन की बैरिकेडिंग के बीच से निकलकर ब्रिज पर वन-वे वाहन चालक तोड़ देते हैं। जिसके चलते ब्रिज के ऊपर से लेकर शहर और झूंसी साइड भी एक से डेढ़ किमी तक जाम लग रहा है। मंगलवार को यहां जाम की स्थिति कुछ ऐसी ही थी। सुबह 11 बजे से एक लेन पर शुरू हुआ जाम करीब डेढ़ दो बजे तक लगा रहा। इस जाम में फंसें लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। आउट ऑफ कंट्रोल हुए जाम को देखते हुए दारागंज साइड तैनात एक दरोगा द्वारा खबर कंट्रोल रूम को दी गई। वायरलेस से ब्रिज पर भीषण जाम की गूंजी खबर एसएसपी के कानों तक जा पहुंची। यह सुनते ही वह एसपी ट्रैफिक, सीओ व थाने की फोर्स और ट्रैफिक पुलिस के साथ ब्रिज पर जा पहुंचे।

ब्रिज पर तीन घंटे जाम से चली जंग
शहर से झूंसी जाने वाला ब्रिज का लेन पूरी तरह बंद था। जबकि दूसरी लेन पर भीषण जाम की स्थिति। पुल के पहले दारागंज साइड भी रोड पूरी तरह जाम थी। एसएसपी की गाड़ी जाम में फंसी तो वह पैदल ही शास्त्री ब्रिज पर जा पहुंचे। काफी प्रयास के बाद भी एसएसपी को ब्रिज के एक लेन के बल पर जाम खुलवाने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। साथ रहे पुलिस के जवान भी ट्रैफिक पुलिस के बेसिस्टम प्लान का दंश झेल रहे थे। अचानक एसएसपी ने जाम को समाप्त कराने के लिए दोनों लेन पर ट्रैफिक संचालन कराने का निर्णय लिया। दोनों लेन पर आवागमन शुरू कराने के बाद भी जाम खुलवाने के लिए जवानों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि जाम में गाड़ी फंसने से एसएसपी को पैदल दो किलोमीटर के इस ब्रिज को पार करना पड़ा। आवागमन स्मूथ हुआ तो उनकी झाड़ी झूंसी थाने गई, तब वह वापस लौटे। दोपहर में लगा जाम किसी तरह कंट्रोल हुआ तो शाम को भी शहर से झूंसी साइड जाने वाले लेन पर जाम लग गया। यह देर शाम तक लगा रहा।

देर से मिली चाय और दफ्तर पहुंचे लेट
शास्त्री ब्रिज पर सुबह के वक्त जाम में फंसे कर्मचारी मंगलवार को ऑफिस तो अधिवक्ता देर से कचहरी पहुंचे। घर से यह सोचकर निकले थे कि दस मिनट में वह ऑफिस व कचहरी पहुंच जाएंगे। मगर, ब्रिज पर लगे जाम में फंसे तो करीब ढाई से तीन घंटे निकलने में लग गए। ऐसी स्थिति में झूंसी साइड से आने और शहर से झूंसी की ओर जाने वाले सैकड़ों कर्मचारी ऑफिसर देर से पहुंचे। जाम के चलते झूंसी से शहर आने वाले दूधिया भी लोगों के घर समय से नहीं पहुंच सके। दूध समय से नहीं पहुंचने के कारण हजारों घरों में सुबह की चाय लोगों को देर से मिली। तमाम लोगों को चाय के लिए पैकेट दूध खरीदना पड़ा। जिनके घरों में बच्चे छोटे हैं उन्हें पिलाने के लिए भी पैकेट दूध लेना लोगों की मजबूरी रही। किसी तरह देर से ऑफिस और कचहरी पहुंचे कर्मचारी एवं अधिवक्ताओं को शाम को घर लौटते समय भी भीषण जाम का सामना करना पड़ा।

चाहिए राहत तो बदलें अपनी आदत
मेंटिनेंस वर्क के बीच शास्त्री ब्रिज पर ट्रैफिक को लेकर पीडब्लूडी व ट्रैफिक पुलिस के बीच खींचतान चल रही है। दोनों विभाग अपनी-अपनी बात पर अड़ा हुआ है। जुबानी बताए जा रहे प्लान का धरातल पर कहीं असर नहीं दिखाई दे रहा। जिससे हर रोज ब्रिज पर घंटों जाम लग रहा है। इस जाम से बचना चाहते हैं तो ब्रिज पर ड्राइविंग के वक्त जगह मिलने पर भी ओवरटेक यानी लेन तोड़कर दूसरे रो में नहीं जाएं। अपने कतार में बगैर मुड़े सीधे चलते रहना ही जाम से बचने का एक जरिया है।

कुछ भी बोलने से भाग रहा एनएचआइ
नैनी यमुना ब्रिज पर बनाए गए पुल पर भी पब्लिक का सफर कर पाना दुश्वार हो गया है। ब्रिज के मेंटिनेंस का काम कराया जाना है। इस कार्य को कराने की जिम्मेदारी एनएचआइ के पास है। पब्लिक की मानें तो जिम्मेदारों ने नैनी साइड पुल के पहले सड़क की खुदाई करके छोड़ दी गई है। इसके चलते पीक आवर में उस साइड से आने वाले वाहनों का जाम लग जाता है। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इस ब्रिज के मेंटिनेंस वर्क के मानीटरिंग का काम एनएचआइ के इंजीनियर सुजीत सोनी को सौंपा गया है। काम कब पूरा होगा, और क्यों रोड खोद कर छोड़ दी गई। इस सम्बंध में वह कुछ भी बताने से कतरा रहे हैं। काफी कुरेदने पर उन्होंने कहा कि आप हमारे अधिकारियों से पूछिए। अधिकारी पिछले दो तीन दिनों से मीटिंग के नाम पर दिल्ली में बताए जा रहे हैं।