प्रयागराज (ब्‍यूरो)। बीएनएस में केन्द्र सरकार की तरफ से दुर्घटना करने वाले वाहन चालकों के लिए लाया गया कानून पिछले दो दिनों में हुई घटनाओं में डंफर चालकों के रवैये को देखकर एकदम परफेक्ट लगता है। पुलिस आगे कार्रवाई क्या करती है? यह देखना महत्वपूर्ण होगा। पिछले दो दिनों में दो घटनाएं हुईं जिसमें डंफर ने दो लोगों को कुचल दिया। इसके बाद वह या तो वाहन के साथ भाग निकले या फिर वाहन छोड़कर। उन्होंने पुलिस को सूचना देना भी जरूरी नहीं समझा। नतीजा दोनों ने दम तोड़ दिया। मानवता को शर्मसार करने वाली चालकों की इस हरकत को देखकर करुणा रो पड़ी तो इंसानियत शर्मसार नजर आई। थोक के भाव में बाइक चालकों व बस एवं कार का चालान करने वाली पुलिस, रोड पर बेअंदाज चलने वाले डंपर और ट्रक चालकों पर मेहरबान क्यों है? यह बात किसी की समझ में नहीं आ रहा।

बेअंदाज ड्राइविंग का नतीजा
रात में घड़ी की सुई दस पर पहुंचते ही बीच शहर की मुख्य सड़कों पर ट्रक लेकर चालक यमदूत की तरह दौडऩे लगते हैं। हवा से बातें करने वाली रफ्तार में भागने वाले ट्रकों के चालकों के जेहन में छोटे वाहनों व उसमें सवार लोगों की तनिक भी चिंता नहीं होती। रात में ट्रैफिक नियमों को रौंदते हुए यह चालक ट्रकों को लेकर ऐसे भागते हैं मानों तस्करी का सामान लोड कर रखे हों। चालकों की मनमानी का आलम शहर की रीवां रोड, शास्त्री ब्रिज से लेकर नए यमुना नया ब्रिज, यहां तक कि ओपीबाग से बालसन होते ही लोक सेवा आयोग चौराहा से बेली रोड तेलियरगंज के आगे फाफामऊ तक रात में कभी भी देखा जा सकता है। नियम विरुद्ध चौराहों पर टर्निंग और एक दूसरे को ओवर टेक करके आगे निकलने की इनकी चाहत हर पल छोटे वाहन चालकों के लिए खतरा बनी रहती है।

उदाहरण केस एक
खुल्दाबाद एरिया के राजरूपपुर चौराहे पर मंगलवार की रात तेज रफ्तार डंपर ने स्कूटी सवार मां बेटे को टक्कर मार दिया था। टक्कर इतनी जोरदार थी कि सड़क पर गिरते ही मीना पत्नी राकेश खरे और उसका बेटा सुमित गंभीर रूप से घायल हो गई। यह देखकर डम्पर चालक छोड़कर दोनों को तड़पते हुए छोड़कर भाग निकला। भागने के बाद भी वह पुलिस को तुरंत खबर देना उचित नहीं समझा। ऐसी स्थिति में महिला की मौत हो गई। लोगों की नजर पड़ी तो उनकी सूचना पर पुलिस पहुंची और घायल सुमित को हॉस्पिटल ले गई। आज भी इलाज इलाज और चल रहा है।

उदाहरण केस दो
तीन दिन पूर्व नैनी में टीएसएल विद्युत उपकेंद्र गेट के पास मोपेड बाइक सवार युवक को डम्पर ने टक्कर मार दिया था। पिछले पहिया के नीचे आने से बाइक सवार की मौत हो गई। डम्पर के पहिया के नीचे दबे हुए मृत युवक को छोड़कर इंसानियत का दुश्मन चालक खुद उतर कर भाग गया। भागकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के बाद भी उसने हादसे की खबर पुलिस को देना मुनासिब नहीं समझा। यात्रियों ने पुलिस को सूचना दी थी। यह दोनों घटनाएं महज एक उदाहरण हैं। ऐसी कई घटनाएं हुईं हुईं जिसमें ट्रक या डंपर सहित तड़प रहे लोगों को छोड़कर चालक भाग गए और सूचना पुलिस को नहीं दिए।

जिले भर में हुए वाहनों के चालान
माह ट्रक हेलमेट बस कार
जनवरी 11 1204 152 1426
फरवरी 08 1670 93 1288
मार्च 16 1559 99 1468
अप्रैल 05 1252 171 1889
मई 00 507 89 188
जून 18 2284 166 2200
जुलाई 15 3249 178 2039
अगस्त 21 1550 89 769
सितंबर 16 2786 140 1086