प्रयागराज (ब्यूरो)।अतीक और अशरफ अब अतीक हो चुके हैं। लेकिन, जिला रहस्यमय अतीक द्वारा खड़ा किया गया अम्पायर था उससे बड़ी पहले इन दिनो अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन बनी हुई है। उमेश पाल हत्याकांड के 74 दिन बीत जाने पर भी पुलिस के हाथ उसका कोई सुराग नहीं है। अलग बात है कि उसे लेकर तरह तरह की अफवाहें मार्केट में आती रहती हैं।
तो स्टीमर से निकल गयी
बुधवार को जो नई खबर मार्केट में आयी उसके मुताबिक 17 अप्रैल को पुलिस ने घेराबंदी की तो शाइस्ता परवीन मरियाडीह गांव के पीछे गंगा में स्टीमर के जरिए संगम की तरफ गई। वहां से अतीक के करीबी ने खास गाड़ी से उसे महाराष्ट्र रवाना कर दिया। अब उसकी लोकेशन मुंबई बताई जा रही है। वैसे इस खबर की ऑफिशियल पुष्टि नहीं हुई है। 15 अप्रैल को अतीक और अशरफ की काल्विन अस्पताल परिसर में हत्या के बाद उम्मीद थी कि शायद अब शाइस्ता पति के जनाजे में शामिल होने के बाद सरेंडर कर दे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पुलिस ने पिछले दिनों पकड़े गये असद के दोस्त से पूछताछ में और उसके बेस पर जो रिपोर्ट कोर्ट को भेजी उससे पता चला कि वह 16 अप्रैल को पति की अंत्येष्टि के दौरान पहुंचने की खातिर चकिया अतीन जफर के घर शूटर साबिर के साथ आई थी। लेकिन, पति का चेहरा अंतिम बार देख नहीं पायी। दूसरे रोज वह चकिया से साबिर के साथ चली गई थी। एक और जानकारी सामने आई है कि करीब 10 दिन पहले बमरौली के पास मरियाडीह गांव में एसटीएफ की छापेमारी के दौरान शाइस्ता वहां अपने पुराने नौकर के घर में थी। घेराबंदी होने पर अतीक के करीबियों में एक ने शाइस्ता को पुलिस की पकड से बचाने के लिए स्टीमर का इंतजाम किया। मरियाडीह के पीछ गंगा नदी से स्टीमर के जरिए संगम की ओर लाया गया। फिर वहां से उसे दूसरे प्रांत के लिए रवाना कर दिया गया।