प्रयागराज (ब्यूरो)।करीब 72 दिनों से पुलिस के लिए पहेली बनी मरहूम अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन 16 अप्रैल को चकिया में मौजूद थी। वह यहां पहुंची थी अपने शौहर के जनाने में शामिल होने के लिए। उनकी एक झलक अंतिम बार देखने के लिए। पुलिस की तरफ से जो बताया जा रहा है उसके मुताबिक वह पहुंच तो गयी थी सही जगह तक लेकिन उसकी मुराद पूरी नहीं हुई। इस फैक्ट को 2 मई को गिरफ्तार दिखाये जा रहे आतिन के साथ भी कनेक्ट कर दिया गया है।

इनाम बढ़ाने का भी फायदा नहीं

24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड में नामजद रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी। इसमें से ज्यादातर चेहरे सीसीटीवी फुटेज से पहचान लिये गये थे। नामजद किये गये लोगों में मरहूम अतीक की बेगम शाइस्ता परवीन का भी नाम शामिल है। पुलिस तभी से उसकी तलाश में लगी हुई है। प्रयागराज से लेकर कौशांबी तक में ताबड़तोड़ दबिश दी गयी लेकिन अभी तक शाइस्ता के बारे में कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है। 15 अप्रैल की रात काल्विन हॉस्पिटल के सामने अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में सरेआम हत्या की गयी थी। 16 अप्रैल को पोस्टमार्टम के बाद दोनों की बॉडी को चकिया में स्थिति कब्रिस्तान में दफन किया गया था। उस दिन भी चर्चा तेज थी की शाइस्ता यहां पहुंची है। लेकिन, शाइस्ता रहस्य ही बनी रही। यह उसके पकड़े जाने या फिर सरेंडर करके जेल जाने के बाद ही पता चल पायेगा कि वास्तव में वह अपने अंतिम का अंतिम बार दर्शन कर पायी थी या नहीं।

आतिन ने दिये हैं संकेत

2 मई को खुल्दाबाद एरिया से पुलिस ने आतिन को गिरफ्तार किया जाना दिखाया है। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि आतिन ने बताया है कि 16 अप्रैल को शाइस्ता चकिया में ही मौजूद थी। उस दिन शाइस्ता का ठिकाना आतिन का घर ही था। लेकिन, उस दिन जब पूरे प्रदेश में एलर्ट था तब न पुलिस को इसकी हवा लगी और न ही एसटीएफ या खुफिया एजेंसियों को। शाइस्ता आयी और चली गयी और पुलिस छापा ही मारती रही। आतिन की गिरफ्तारी से जुड़ा एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी सामने आया है कि उसे पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड के आरोपितों को संरक्षण देने के साथ ही फरारी में सहयोग करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा कायम कराया है। इंट्रेस्टिंग फैक्ट यह भी था कि गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जमानत भी मिल गई।