प्रयागराज (ब्यूरो)।कहते हैं कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, कोई न कोई सुराग छोड़ ही जाता है। शाइस्ता परवीन का ड्राइवर साबिर मुंबई में हो सकता है। अभी ये इनपुट मिला है। पुलिस की एक टीम उसे पकडऩे में लगी है। हालांकि अभी साबिर का क्लिीयर एड्रेस नहीं मिल सका है। जिसकी खोजबीन की जा रही है। साबिर पर पांच लाख का इनाम है। उम्मीद है कि जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा।

मुंबई में बस गया था साबिर
पूरामुफ्ती के मरियाडीह का रहने वाला साबिर करीब 20 वर्ष पूर्व मुंबई गया। इसके बाद वह मुंबई का ही होकर रह गया। घर की ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। थोड़े बहुत पैसे वह घर भेज देता था। मुंबई में उसने कार चलानी सीखी। इसके बाद वह ड्राइवर बनकर जिंदगी जीने लगा। बड़े लोगों का रुतबा उसे अच्छा लगने लगा। शातिर दिमाग के साबिर ने कई तरीके से पैसे कमाए।
रुतबा रखने का होने लगा शौक
साबिर को रुतबा रखने का शौक होने लगा। वह करीब दस साल पहले अतीक के सम्पर्क में आ गया। वह अक्सर मुंंबई से अतीक के पास आने लगा। बातचीत में माहिर साबिर अतीक के लगातार सम्पर्क में रहने लगा। कद काठी का मजबूत साबिर अतीक का इतना करीबी हो गया कि अतीक ने साबिर को शाइस्ता का ड्राइवर बना दिया। शाइस्ता की कार साबिर ही चलाता था।

कार चलाने के हुनर ने बना दिया करीबी
साबिर कार चलाने में इतना माहिर था कि इसी हुनर ने उसे अतीक का करीबी बना दिया। जिसका नतीजा हुआ कि अक्सर बड़े काम के लिए जब गैंग के सदस्य जाते थे तो उनकी कार साबिर ही चलाता था। उमेश पाल हत्याकांड में असद और गुलाम को साबिर ने ही घटना के बाद कार से फरार कराया था।

धारावी में रहती है दूसरी बीवी
साबिर ने दो शादी की। एक गांव में रहती है दूसरी धारावी मुंबई में। मुंबई में साबिर ने एक मराठी लड़की से लव मैरिज की थी। मुंबई में वह उसी के साथ रहता था। उमेश पाल हत्याकांड के बाद लंबे समय से साबिर की तलाश चल रही है। पुलिस को इनपुट मिला है कि वह धारावी में है्।
कोट
मरियाडीह गांव में साबिर का परिवार रहता है। उसके भाई की मौत हो चुकी है। साबिर की तलाश लगातार चल रही है। उम्मीद है जल्द ही गिरफ्तारी हो जाएगी।
उपेंद्र प्रताप सिंह, थाना प्रभारी पूरामुफ्ती