प्रयागराज ब्यूरो । पान दरीबा शाहगंज इमामबाड़ा सफदर अली बेग (दुलदुल वाला घर) में हय्या अला खैरील अमल की ओर से शब्बेदारी में अल्लामा शब्बीर अली वारसी ने मजलिस को खिताब करते हुए कहा बिना अहलेबैत का दामन थामे कोई भी जन्नत का तसव्वुर न करे। जिस तरह बिना माईक के लाउडस्पीकर पर मेरी आवाज लोगों तक नहीं पहुंच सकती उसी तरहां अहलेबैत का दामन छूटने पर जन्नत भी छूट जाएगी।
अल्लामा शब्बीर वारसी ने नम आंखों से कर्बला के शहीदों का तजकेरा किया। नजीब इलाहाबादी के संचालन में मिर्जा जहांगीर ने मर्सीया पढ़ा। मजलिस के बाद शबीहे ज़ुलजनाह व हजरत अब्बास के अलम की जियारत भी कराई गई। अन्जुमन ग़ुन्चा ए कासिमया बख्शी बाजार के नौहाख्वानों ने पुरदर्द नौहा पढ़ते हुए शब्बेदारी का आगाज किया। अन्जुमन शब्बीरीया रानी मंडी, अन्जुमन मजलूमिया रानी मंडी, अन्जुमन अब्बासिया रानीमंडी, अन्जुमन मोहाफिजे अजा दरियाबाद, अन्जुमन नकविया दरियाबाद, अन्जुमन हुसैनिया रजिस्टर्ड दरियाबाद, अन्जुमन हुसैनिया कदीम दरियाबाद ने सिलसिलेवार नौहा पढ़ा। रिजवान जव्वादी, सैय्यद मोहम्मद अस्करी, मुन्ना, सलीम, माहे आलम, मुर्तुजा बेग, मुज्तबा बेग, शजीह अब्बास, जामिन हसन आदि शामिल रहे।