)प्रयागराज (ब्यूरो।ऑन लाइन पेमेंट दीजिए और कहीं भी लड़की की डिलिवरी लीजिए। जी हां, अब सेक्स रैकेट भी ऑन लाइन चलने लगा है। इसका खुलासा राजापुर में पकड़े गए सेक्स रैकेट संचालकों के पकड़े जाने के बाद हुआ है। बकायदा व्हवाट्स एप पर लड़की की फोटो भेजी जाती थी। पसंद आने पर ऑन लाइन पेमेंट ली जाती थी। इसके बाद तय जगह पर लड़की पहुंचा दी जाती थी। ये सुविधा सिर्फ प्रयागराज शहर तक ही नहीं थी। बल्कि आसपास के कई जिलों तक नेटवर्क था। कैंट पुलिस मामले में अभी और गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है।

प्रतापगढ़ की है संचालिका
राजापुर में पकड़े गए सेक्स रैकेट की संचालिका सुनीता मिश्रा प्रतापगढ़ की रहने वाली है। करीब दो साल पहले सुनीता ने इस धंधे में कदम रखा। इसके बाद फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। उसका नेटवर्क लंबा होता चला गया। नेटवर्क बढ़ा तो तमाम दलाल और लड़कियां उसके सम्पर्क में आ गए। सुनीता प्रतापगढ़ छोड़कर प्रयागराज आ गई। उसने राजापुर में एक मकान किराए पर लिया। फिर उसने धंधा जमाना शुरू किया।
फोटो भेजकर पसंद कराई जाती थी लड़की
सेक्स रैकेट की खासियत यह थी कि इसके सदस्य ग्राहक को व्हाटस एप पर फोटो भेजकर लड़की पसंद कराते थे। बदले में सदस्यों को कमीशन मिलता था। ऑन लाइन पेमेंट की व्यवस्था होने से तत्काल पैसे इधर से उधर भेज दिए जाते थे, जिसकी वजह से तमाम लोग इस धंधे में जुड़ते जा रहे थे। जिसका फायदा सुनीता को मिल रहा था। लड़की पसंद होने पर उसे तय जगह पर पहुंचा दिया जाता था।
कई जिलों में फैल गया था नेटवर्क
प्रयागराज में सेक्स रैकेट शुरू करने वाली सुनीता का नेटवर्क कई जिलों में फैल गया था। प्रयागराज के अलावा प्रतापगढ़, मिर्जापुर, वाराणसी, भदोही तक सुनीता में नई उम्र के लड़के काम करने लगे थे। पूरे नेटवर्क को चलाने के लिए सुनीता अपने एक सहयोगी की मदद लेती थी। पेमेंट सुनीता के सहयोगी के पास आता था। इसके बाद सुनीता जिसे जितना कहती थी उतना भेज दिया जाता था।
धंधा बढ़ाने को कम रखा रेट
सेक्स रैकेट संचालिका ने धंधा बढ़ाने के लिए काफी कम रेट रखा था। वह हजार से बारह सौ रुपये में लड़की का सौदा कर लेती थी। इसमें से आधा पैसा वह लड़की को देती थी। बाकी आधे बचे पैसे में आधा खुद रखती थी और बाकी लड़की की डिलीवरी देने वाले दलाल को देती थी। लेन देन में हिसाब खरा रखने की वजह से सुनीता का ये धंधा रोज बढ़ता ही जा रहा था। वहीं कम रेट की वजह उसके ग्राहक भी बढ़ते जा रहे थे। पैसे तुरंत देने की वजह से सुनीता के रैकेट में काम करने वाले लड़के लड़कियों को कोई दिक्कत भी नहीं होती थी। सेक्स रैकेट संचालिका ग्रामीण परिवेश की रहने वाली शहर में पढ़ाई के लिए आने वाली लड़कियों को अपने साथ जोड़ती थी। जिसकी वजह से उसे कोई दिक्कत भी नहीं होती थी।
खुशियां पूरी करने को जुडऩे लगीं लड़कियां
सुनीता लेन देन का हिसाब हमेश ओके रखती थी। इस वजह से लड़कियां उससे जुडऩे लगी थीं। कम से कम पांच सौ रुपये वह लड़की को देती थी। ऐसे में सुनीता से जुड़ी लड़कियां पांच से सात हजार रुपये आसानी से महीने में कमा लेती थीं। पुलिस की दबिश के दौरान पकड़ी गई महिलाओं ने पुलिस को इसकी पूरी जानकारी दी है। पुलिस भी पूछताछ के बाद मिली जानकारी से आगे की कार्रवाई में जुटी है। पुलिस को पता चला है कि आसपास के जिलों में भी सुनीता का नेटवर्क वहीं की लड़कियों और लड़कों के सहारे चल रहा था।
मोबाइल नंबर से जुटाई जाएगी जानकारी
सुनीता अकेले ही सेक्स रैकेट चला रही थी कि उसके रैकेट के पीछे का मास्टर माइंड कोई और है, इसकी पड़ताल में पुलिस लगी है। सुनीता को मोबाइल से मिले नंबरों पर फोन कर पुलिस जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि सुनीता के मोबाइल में तमाम वीआईपी लोगों के भी नंबर मिले हैं।

सेक्स रैकेट में पकड़े गए लोगों से पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है। प्रयास है कि सेक्स रैकेट के संचालन में सहयोग करने अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी की जाए।
वरुण कुमार, एसीपी, धूमनगंज