प्रयागराज (ब्यूरो)। बता दें कि रविवार रात 8 बजे के करीब शराब पीने के बाद सिकरो गांव के रहने वाले अरुण कुमार पुत्र प्रेम शंकर तथा विकास पुत्र रामानुज के बीच चुनावी बहस शुरू हो गई। धीरे धीरे बात इतनी आगे बढ़ गई कि पांडेय के मड़हा नामक स्थान पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। इसी बीच वर्तमान प्रधान सुशील कुमार के पिता विद्याकान्त भी मौके पर पहुंचे और अरुण कुमार पर डंडे से हमला कर दिया जिससे उसका सिर फट गया। अरुण रोता चिल्लाता घर की ओर भागा, और घटना की सूचना 112 नंबर डायल करके तथा प्रभारी निरीक्षक को कॉल करके दी। ग्रामीणों की माने तो प्रधान के पक्ष के लोग इतने पर भी नही माने और अरुण के घर से 50 मीटर दूर खड़े होकर मां बहन की गलियां देने लगे। देखते ही देखते बात बिगड़ गई और लाठी डंडों तथा चाकू आदि से जमकर मारपीट होने लगी। जब तक पुलिस मौके पर पहुंचती, तब घंटों दोनों पक्षों के बीच मारपीट होती रही।
यह लोग हुये घायल
इस घटना में विद्याकान्त पुत्र अज्ञात,ज्ञानेंद्र पुत्र चिंतामणि,विकास व अरविंद पुत्रगण रामानुज,शिवजतन पुत्र शोभालाल तथा विनय कुमार पुत्र विद्याकान्त गंभीर रूप से घायल हो गए। दूसरे पक्ष से अरुण व नीरज पुत्रगण प्रेम शंकर,प्रेम शंकर पुत्र राम प्रताप तथा शिवकली पत्नी गुलाब शंकर को भी चोटे आई है। पुलिस कहना है कि आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।
पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल
क्षेत्रीयजनों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि जब दोनों पक्ष के लोग मारपीट में शामिल थे और प्रधान पक्ष के लोगों ने दूसरे पक्ष के घर के पास धावा बोलकर हमला किया था तो पुलिस ने केवल एक तरफ से कार्रवाई क्यों की। पुलिस ने प्रधान सुशील कुमार की तहरीर पर तो अरुण कुमार व नीरज पुत्रगण प्रेमशंकर, रवींद्र पुत्र कमला शंकर तथा कमला शंकर पुत्र विंध्यवासिनी के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर लिया है, मगर अरुण कुमार की तहरीर पर मुकदमा क्यो नही पंजीकृत किया गया। जबकि चोट अरुण कुमार सहित उनके अन्य परिजनों को भी आई है। अरुण कुमार की माने तो झगड़ा शुरू होते ही उसने पुलिस को कॉल किया था और मामले की लिखित तहरीर भी थाने पर दी थी। फिलहाल कोरांव पुलिस ने प्रधान सुशील कुमार की तहरीर पर अरुण कुमार, प्रेमशंकर, रवींद्र और कमलाशंकर को हिरासत में ले लिया है और नीरज की तलाश कर रही है।
जिस पक्ष को गंभीर चोटें आई है, उनका मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई की जा रही है।
विमल किशोर मिश्र, क्षेत्राधिकारी मेजा