प्रयागराज (ब्यूरो)। डाक्यूमेंट, एवीडेंस के आधार पर सजा का फैसला हो गया। कोर्ट ने फैसले में एक महत्वपूर्ण लाइन जोड़ी की दोनो सजाएं साथ चलेंगी। यानी दो अलग अलग सजा होने के बाद भी उसे कुल सात साल ही जेल में रहना था। इसके उलट आरोपित आठ साल से जेल में है। यहां सवाल सिस्टम पर खड़ा हो जाता है कि एक साल एक्स्ट्रा जो आरोपित ने जेल में बिताये हैं उसका क्या होगा। वैसे आरोपित के परिवार के लोग तो इसी में खुश हैं कि अब वह जेल से बाहर आ जायेगा।
कर्नलगंज के बक्शी बांध निवासी किशन उर्फ ललित हेला को जीआरपी प्रयाग के उपनिरीक्षक प्रमोद कुमार राय ने 30 अक्टूबर 2014 को गिरफ्तार किया था। उसके पास से चोरी के दो मोबाइल बरामद किए गए थे। एक मोबाइल एक सिम और दूसरा मोबाइल दो सिम वाला था। इनकी कीमत करीब 5200 रुपये आंकी गयी थी। पुलिस की तरफ से दाखिल की गयी चार्जशीट के अनुसार किशन के पास से नशीला पाउडर भी मिला था। पूछताछ में उसने बताया था कि वह ट्रेन में सवार यात्रियों को नशीला पाउडर सुंघाकर मोबाइल चोरी कर लेता था। औने-पौने दाम पर इसे बेच देता था। अभियोजन का आरोप साबित होने पर विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस रागिनी ने सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। नशीला पदार्थ बरामद होने पर चार वर्ष की सजा सुनाई गई है। उस पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया। कोर्ट ने कहा कि दोनों सजा एक साथ चलेगी। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित की जाए। यह भी कहा कि जुर्माना न देने पर 10 दिन की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
जेल में आठ साल पूरे होने वाले हैं
आरोपित किशन 30 अक्टूबर 2014 से जेल में बंद है। यानी वह सम्पूर्ण सजा भुगत चुका है। कोर्ट का आदेश लागू होने के बाद उसे अब जेल से रिहाई मिल जायेगी। न्यायालय में आरोपित ने 313 के बयान में अपना जुर्म स्वीकार किया। कहा कि वह परिवार चलाने के लिए मोबाइल चोरी करता था। घर में बूढ़े पिता हैं और कमाने वाला कोई नहीं है। वह लंबे समय से जेल में बंद है और उसे अपना जुर्म स्वीकार है।