सामने रहते थे आरोपी
एसएसपी उमेश श्रीवास्तव ने बताया कि सोरांव हाईवे पर रहने वाले बिजनेसमैन दंपति की 16 अक्टूबर की रात बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। पुलिस हत्यारों की तलाश में लगी थी। उन्हें कोई बच्चा नहीं था। ऐसे में पुलिस की जांच उनके रिलेटिव और घर वालों पर टिकी थी। शक था कि संपत्ति के लिए उन्हें मारा गया है। लेकिन ऐसा नहीं था। उन्हें मारने वाले उनका पड़ोसी माइनर मान सिंह और उसका कजिन रंजीत निकले। बदमाश अमृत लाल केसरवानी के यहां से लाखों की संपत्ति के अलावा उनका मोबाइल भी लूट ले गए थे। मोबाइल को बदमाशों ने एक रिक्शे वाले को बेच दिया था। कौशांबी का रहने वाला रिक्शा चालक मोबाइल को यूज करने लगा। क्राइम ब्रांच की टीम ने सर्विलांस की मदद से उस व्यक्ति को ट्रेस कर लिया जो मोबाइल यूज कर रहा था। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि उसने मोबाइल दो लड़कों से खरीदा है। उन्हें वह जानता है.

मानसिंह ने खोला राज 
पुलिस ने रिक्शे वाले की मदद से मानसिंह को पकड़ा। मान सिंह को देखकर पुलिस को भी यकीन नहीं हो रहा था कि उसने डबल मर्डर किया होगा। मीडिया के सामने मान सिंह ने बताया कि उसे उसके कजिन रंजीत ने रंजीत ने प्लानिंग की थी कि अमृत लाल के यहां कोई नहीं रहता है। रात में अगर वहां पहुंचे तो लाखों कैश और ज्वैलरी मिल जाएगी। प्लानिंग के मुताबिक रात आठ बजे वे वहां पहुंचे। रास्ते में बकरा काटने वाला चाकू खरीदा। कमरे में पहुंचे तो टीवी चल रहा था। मार्केट में सन्नाटा पसरा था। मौका मिलते ही रंजीत अमृत लाल का गला गमछे में फंसा कर दबाने लगा, जिससे वह बेहोश हो गए.
 
शोर मचाया तो मार दिया 
मान सिंह ने पुलिस को बताया कि अब उनका रास्ता आसान था। दोनों घर के अंदर ज्वैलरी की तलाश में जुट गए लेकिन तभी अमृत लाल की वाइफ वहां पहुंच गई और वह शोर मचाने लगीं। यह देख रंजीत ने चाकू निकाला और उन पर हमला कर दिया। मान सिंह ने सफाई दी कि उसने मर्डर करने से मना किया था क्योंकि उसे ऐसा करते हुए दुख हो रहा था। लेकिन रंजीत ने कहा कि अगर नहीं मारेंगे तो वह हमें पहचान गई है और सबको बता देगी। उसे मारने के बाद रंजीत ने अमृत लाल का गला भी रेत डाला। और फिर लाखों का माल लेकर भाग निकले.