नमक की सिल्लियां खरीदने के लिए निगम ने निकाला टेंडर
शंकरगढ़ के जनवा गांव में नगर निगम द्वारा संचालित कान्हा गोशाला में आठ दिन में 96 गोवंश की मौत हुई। इन मौतों का राजफाश काशी प्रांत के गोरक्षा विभाग के पदाधिकारी के गोशाला के निरीक्षण में हुआ। गोवंश की मौत की वजह वहां की अव्यवस्थाएं थीं। निगम प्रशासन उन अव्यवस्थाओं को दुरुस्त कराने के बजाए अब सेंधा नमक की सिल्लियों को गोवंश को चटाकर उनकी सेहत सुधारने यानी इम्युनिटी बढ़ाने की जुगत में है। सेंधा नमक की सिल्लियों की आपूíत के लिए 21 अगस्त को टेंडर निकाला जा चुका है। एजेंसी के चयन के लिए सात सितंबर को टेंडर खुलेगा।
शहर से पकड़कर गोवंश भेजते हैं कान्हा गोशाला
निगम द्वारा शहर से पकड़े गए गोवंश को कान्हा गोशाला भेज दिया जाता है। क्षमता से ज्यादा गोवंश के होने से उनके लिए भूसा, चूनी, चोकर के भी पर्याप्त बंदोबस्त न होने की बात निरीक्षण में सामने आई थी। गोवंश की जीभ में कांटे होते हैं। इन कांटों के बढ़ आने पर उन्हें चारा खाने और पागुर करने में परेशानी होती है। कांटे न पनपने पाए, इसलिए अब गोवंशों के आगे सेंधा नमक की सिल्लियां रखने की व्यवस्था हो रही है। कहा जा रहा है कि सिल्लियों के चाटने से गोवंशों के लार नहीं निकलेगा और वह पागुर भी ज्यादा करेंगे। पशुधन अधिकारी नीरज कुमार सिंह का कहना है कि सेंधा नमक की सिल्लियों के चाटने से गोवंशों की पाचन शक्ति अच्छी रहेगी और इससे शारीरिक क्षमता भी बढ़ेगी।
सेंधा नमक इम्युनिटी बढ़ाता है। सेंधा नमक की सिल्ली पर जौ के आटे का छिड़काव कर देने पर गोवंश उसे चाटेंगे तो जीभ के कांटे ठीक हो जाएंगे। करीब 10 से 15 दिन के बाद इम्यूनिटी में वृद्धि होने लगेगी।
डा। आरपी राय, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी।