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प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसने के लिए शुरू हुई कवायद

प्रदेश सरकार ने तैयार कराया है असरदार विधेयक

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ALLAHABAD: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी हमेशा से ही पैरेंट्स के लिए मुसीबत होती है। हर साल प्राइवेट स्कूल मनमाने ढंग से फीस में वृद्धि करते हैं और पैरेंट्स पर बोझ बढ़ाते हैं। लंबे समय से इस पर नकेल कसने के लिए मांग उठ रही थी। पैरेंट्स की टेंशन का हल शीघ्र ही निकलने वाला है। शासन ने इसके लिए पूरी तैयारी मुकम्मल कर ली है। प्राइवेट स्कूलों की फीस वृद्धि को रोकने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग शीघ्र ही विधेयक लाने की तैयारी में है। विधेयक का प्रारूप तैयार कराया जा चुका है।

31 अगस्त तक दे सकते हैं सुझाव

स्कूल में फीस वृद्धि को रोकने के लिए शासन की ओर से तैयार विधेयक पर जन सामान्य से भी सुझाव मांगे गए है। आम लोग 31 अगस्त तक सुझाव भेज सकते हैं। इसके बाद सुझावों का परीक्षण कराया जाएगा। परीक्षण के लिए शासन की ओर से 10 सितंबर तक की समय सीमा निर्धारित की गई है। फिर सुझावों को विधेयक में समावेशित किया जाएगा, ताकि उसे अधिक से अधिक असरदार बनाया जा सके। शीतकालीन सत्र में सरकार विधेयक को अध्यादेश के रूप में लाएगी। इस बारे में फिलहाल माध्यमिक शिक्षा के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं, लेकिन दबी जुबान यह स्वीकार भी कर रहे हैं कि विधेयक काफी असरदार साबित होगा। इससे प्राइवेट स्कूलों की फीस वृद्धि को लेकर होने वाली मनमानी और जबरन वसूली की समस्या पर रोक लग जाएगी।

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने और पैरेंट्स को सहुलित देने की दिशा में सरकार प्रयासरत है। नए अध्यादेश के जरिए इस पर लगाम लग सकेगी। इससे पैरेंट्स को राहत मिलेगी।

संजय अग्रवाल

अपर मुख्य सचिव

माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग