प्रयागराज (ब्‍यूरो)। Prayagraj Crime News: राजस्व कर्मियों द्वारा रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नही ले रहे हैं। पूर्व में कानूनगो और अब तीन दिन के भीतर दो लेखपालों का घूस लेते रंगे हाथों पकड़े जाना इसका जीता जागता प्रमाण है। बुधवार को मेजा तहसील में कार्यरत लेखपाल राघवेंद्र कुमार यादव को विजिलेंस ने 10 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ दबोचा है। उसने जमीन की पैमाइश कर समस्या का समाधान करने के लिए रिश्वत मांगी थी। उसके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा लिखा गया है। विजिलेंस की कार्रवाई से राजस्व कर्मियों में खलबली मची रही। आरोपित को जल्द ही निलंबित किए जाने की बात कही गई है।

व्हाट्सएप काल कर बुलाया
जानकारी के मुताबिक मेजा नेवढिय़ाकला बम्भनी गांव निवासी साकेत कुमार मिश्रा की भूमिधरी जमीन पर तेजबली गुप्ता द्वारा कब्जा कर लिया गया था। साकेत ने डीएम से लेकर अन्य अधिकारियों से शिकायत की। इसके बाद राजस्व अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर पत्थरगड़ी करवाई। आरोप है कि विपक्षी ने पत्थर को उखाड़कर फेंक दिया। तब साकेत ने फिर एसडीएम समेत अन्य से शिकायत की। तहसीलदार से मिलने पर उन्होंने कहा कि प्रार्थना पत्र लेखपाल के पास पहुंच जाएगा। तीन दिन पहले लेखपाल ने वाट््सएप पर काल किया और साकेत को टिकरी चौराहे के पास बुलाया। वहां पहुंचने पर लेखपाल राघवेंद्र ने काम करने के लिए 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी।

विजिलेंस को सुनाई आपबीती
तब शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) कार्यालय पहुंचकर शिकायत की। गोपनीय जांच में शिकायत सही पाई गई तो बुधवार दोपहर विजिलेंस टीम ने लेखपाल राघवेंद्र को घूस लेते ट्रैप किया। आरोपित मेजा के अमिलियाकला चोरबना गांव का निवासी है। अधिकारियों का कहना है कि लेखपाल के खिलाफ विजिलेंस थाने में मुकदमा कायम किया गया है। गुरुवार को उसे एंटी करप्शन कोर्ट वाराणसी में पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा।

सोमवार को सोरांव में हुई थी गिरफ्तारी
सोमवार को सोरांव तहसील में कार्यरत लेखपाल प्रदीप कुमार को भी छह हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। एंटी करप्शन टीम ने उसे पकड़कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था। सोरांव के धामापुर अब्दालपुर गांव के मनोज कुमार यादव की जमीन पर अवैध कब्जा होने के मामले में लेखपाल ने पीडि़त से छह हजार रुपए की घूस मांगी थी। मामला शिवकुटी थाने में दर्ज किया गया था।