प्रयागराज ब्यूरो । मीरजापुर हाई किनारे गधियांव मरदानपुर गांव के बसवार में आशीष दीक्षित की बॉडी मिली थी। धारदार हथियार से उसकी हत्या की गई थी। बॉडी मिलने के बाद करछना थाने की पुलिस एक्टिव हुई। परिवार के द्वारा औद्योगिक एरिया के मवइया गांव निवासी मुकेश पाल कत्ल का आरोप लगाया गया। क्योंकि आशीष मुकेश पाल से लाखों रुपये कर्ज ले रखा था। आरोपित मुकेश सहित कर्ज देने वाले अन्य लोग भी आशीष पर रुपये लौटाने का प्रेशर बना रहे थे।
अफसरों ने की सख्ती से पूछताछ
परिवार द्वारा बताई गई इन बातों पर गौर करते हुए पुलिस ने आरोपित मुकेश को हिरासत में ले लिया। सूत्र बताते हैं कि हिरासत में लिए गए मुकेश से सख्सी के साथ अफसरों द्वारा पूछताछ की गई। मुकेश आशीष दीक्षित के कत्ल को अंजाम देने से इंकार करता रहा। पूछताछ में उसने पुलिस से कहा कि आशीष ने उससे कर्ज ले रखा था। कर्ज के रूप में दिए गए रुपए आशीष को ही लौटाने थे। फिर वह उसकी हत्या क्यों करेगा। आरोपित मुकेश ने कहा कि उसकी हत्या से खुद अपने पैसों को लेकर परेशान हैं। जब उसे मालूम है कि आशीष के नहीं होने पर उसके रुपये फंस जाएंगे, फिर वह उसकी हत्या क्यों कराएगा। रुपयों को लेकर उसका कोई विवाद भी नहीं था। ऐसे में इस कत्ल की जांच में जुटी पुलिस की नजर आशीष के बेहद करीबी रहे लोगों की तरफ भी घूम रही है। पुलिस का मानना है कि आशीष के गायब होने की गुमसुदगी दर्ज है। लोगों को मालूम था कि वह गायब हो चुका है। ऐसे में बात क्लियर है कि वह किसी बाहरी व्यक्ति के संपर्क में भी नहीं रहा होगा। इस स्थिति में कातिल वही हो सकता है जिसके उसके बारे में अच्छी तरह से जानकारी रही होगी। अब वह कौन है? इस सवाल का जवाब सर्च करने में टीमें जुट गई हैं।
आशीष दीक्षित मर्डर केस में हर एंगल पर जांच की जा रही है। हिरासत में लिए गए आरोपित से अब तक कोई क्लू नहीं मिले हैं। फिर भी उससे पूछताछ के साथ दूसरे बिन्दुओं पर भी काम किए जा रहे हैं। कुछ उसके बेहद करीबी रहे लोगों को भी सर्च किया जा रहा है।
सौरभ दीक्षित, पुलिस उपायुक्त यमुनानगर