कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए चल रही है क्लास
ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन क्लास चलाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
कोरोना महामारी ने लाइफ स्टाइल के साथ स्कूलों में होने वाली पढ़ाई तक का पैटर्न बदल दिया है। एक समय में एक ही पैटर्न पर ही स्कूलों में पढ़ाई होती थी। लेकिन अब इसमें टेक्नोलॉजी के साथ अन्य चीजें भी शामिल हो गयी है। स्कूल में ऑफलाइन व ऑनलाइन मोड पर पढ़ाई शुरू हो गई है। यही नहीं दो शिफ्टों में संचालन होने से टीचर्स को एक ही लेसन को दो बार स्टूडेंट्स को पढ़ाना पड़ रहा है। जिसके चलते स्कूलों की टाइमिंग काफी लंबी हो गई है। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने इसी को लेकर तमाम सिटी के स्कूलों के प्रिंसिपल व टीचर्स से बातचीत की।
टीचर्स कर रहे तकनीक का उपयोग
सिटी के तमाम डायरेक्टर व प्रिंसिपल के साथ शिक्षकों का कहना है कि बच्चों को पढ़ाने के लिए कई तरह की तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। किसी क्लास में टीचर्स लैपल माइक का उपयोग कर रहे हैं तो कहीं स्मार्ट बोर्ड का सहारा लिया जा रहा है। बच्चों की सुविधा को ध्यान में रखते हुये स्पीकर तक लगाया गया है। जिससे क्लास रूम में दूर-दूर बैठे प्रत्येक बच्चों को सुनाई दे सकें। उनको किसी तरह की परेशानी न हो। यही नही स्टूडेंट्स की सुविधा को ध्यान में रखते हुये इंपॉर्टेट डे वाले क्लास की लिंक तक क्रिएट किया जाता है। सोशल डिस्टेंसिंग को पूरा कराने के लिए स्कूल्स की दीवारों पर लिखा गया। बिना मास्क स्कूल में प्रवेश वर्जित है। इसके साथ ही कोई भी सामान टच करने के बाद हाथों को सेनेटाइज करते रहे।
पेरेंट्स का नहीं मिल रहा सपोर्ट
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने जब तमाम स्कूल के प्रिंसिपल व मैनेजमेंट्स देखने वालों से बातचीत की तो उनका कहना था कि अभी कई पैरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में ही पैरेंट्स का सपोर्ट कम मिल रहा है। जिसकी वजह से तमाम दिक्कतों का सामना स्कूल मैनेजमेंट को करना पड़ रहा है। पेरेंट्स से अपील की है कि इस समय स्कूल का सपोर्ट करें। जिससे बच्चे को हर मोड पर स्टडी करने का एक अलग अनुभव मिल सके।
कोविड के चलते लाइफ ही नहीं बल्कि स्कूलों की पढ़ाई का पैटर्न तक बदल गया है। टेक्नोलॉजी का यूज कर ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन क्लास का संचालन किया जा रहा है। आगे डिपेंड करता है आने वाले सिचुएशन पर।
- अमृता अग्रवाल, संस्कार इंटरनेशनल स्कूल सकेत नगर सुलेम सराय
दो शिफ्टों में स्कूल्स रन होने से टाइमिंग काफी लंबी हो गई है। इसके साथ काफी चेंज भी हो गया है। स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम न हो इसके लिए टेक्नोलॉजी बेस पढ़ाई को शामिल किया गया है।
सुजाता सिंह, डीपीएस
कोविड के कारण पैटर्न थोड़ा चेंज हुआ है। ये चेंज भी आज के डिमांड के अकॉर्डिग किया गया है। स्टूडेंट्स ही नहीं पेरेंट्स तक की डिमांड है। ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन पैटर्न पर क्लास चल रहा है। इसे संचालित करने के लिए टेक्नोलॉजी का यूज हो रहा है।
- बृजेश शुक्ला, जीनियस स्कूल मैनेजर
हाई लाइट
ये किए गए बदलाव
- स्कूल्स में ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मोड में चल रही क्लास
- बोर्ड का सिलेबस भी दो पार्ट में हुआ डिवाइड
- स्कूल्स ने उपस्थिति की अनिवार्यता भी कर दी गई है खत्म
- बच्चों पर डिपेंड है, स्कूल या घर से पढ़ाई करना
- दो शिफ्ट में क्लासेस का हो रहा संचालन