प्रयागराज ब्यूरो । हादसे की तफ्तीश में जुटी पुलिस ने भी माना कि 41 सीटर बस में दो गुना सवारी बैठाई गई थी।

नियमानुसार यह पूरी तरह से गलत है। चौंकाने वाली बात यह है कि जौनपुर से चलकर हंडिया बस पहुंच जाती है। करीब 70 किलोमीटर से अधिक का सफर तय करने के बाद हादसा होता है, लेकिन इससे पहले न तो प्रयागराज-जौनपुर सीमा पर बस की जांच की गई और न ही किसी थाना के पास।

सड़क हादसों को रोकने के लिए जरूरी प्रयास करने का दावा करने वाले विभागों की पोल भी इस दर्दनाक हादसे ने खोल दिया है।

कुछ लोगों कहना था कि बस बाजार, कस्बा, पुलिस चौकी के सामने से गुजरी थी, लेकिन आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस ने ओवरलोड बस की तरफ ध्यान नहीं दिया।

कई अभिभावकों का भी कहना था कि स्कूल प्रबंधन ने छात्रों के जीवन से खिलवाड़ किया है।

किसी भी छात्र के घरवालों को नहीं बताया गया था कि बस में विद्यार्थियों को ठूसकर बैठाया जाएगा।

फिलहाल हादसे को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, जिसका जवाब किसी के पास नहीं है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यदि कई शख्स लिखित शिकायत देता है तो स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।