प्रयागराज (ब्यूरो)। पिछले दिनों हुई तमाम घटनाओं को देखते हुए प्रशासन स्कूली बच्चों की जान को जोखिम में डालने के कतई मूड में नहीं है। यही कारण है कि पिछले दिनों आरटीओ विभाग द्वारा चलाए गए अभियान में शामिल नही होने वाली 246 बसों को ढूंढ निकाला गया और इनको बिना फिटनेस जांच कराए सड़कों पर नही चलाने की चेतावनी स्कूलों को जारी की गई है। बावजूद इसके नियम विरुद्ध ये बसें बच्चों को ढोती नजर आईं तो बसों को सीज कर स्कूल संचालक और प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
लगाई गई थी सात टीमें
जनपद में संचालित स्कूलों में चल रहीं 246 बसों का पता लगाने में संभागीय परिवहन विभाग की टीम लगी है। विभाग द्वारा लगाई गई सात टीमें शुक्रवार को कई स्कूलों में पहुंची। बातचीत में स्कूल प्रशासन ने बताया कि इन बसों को अभी खड़ा रखा गया है। यह बच्चों को नही ढो रही हैं। जिस पर अधिकारियों ने बसों की फिटनेस कराने या फिर कागजात सरेंडर करने की बात कही। चेतावनी दी कि बिना फिटनेस सड़कों पर अगर यह गाडिय़ां चलती मिलीं तो सीज करने के साथ ही प्रबंधक व वाहन मालिक के खिलाफ मुकदम दर्ज कराया जाएगा। यह भी कहा गया कि इस मामले में स्कूल प्रशासन किसी प्रकार की लापरवाही नही बरतें।
दो सौ बसों का किया गया था चालान
आठ से 22 जुलाई तक संभागीय परिवहन विभाग ने फिटनेस समाप्त हो चुकीं बसों के खिलाफ अभियान चलाया था। इस दौरान करीब दो सौ बसों को पकड़कर चालान किया गया था। इधर कुछ दिन पहले अधिकारियों को पता चला कि 246 स्कूली बसों का अता-पता नहीं है। इनको तलाश किया जाने लगा था। प्रवर्तन दल की टीमों को पता चला कि यह बसें सड़को ंपर भी नही चल रही हैं। इसके बाद सात टीमों का गठन कर स्कूलों में भेजा गया। प्रबंधतंत्र से बातचीत की, जिस पर अधिकांश ने बताया कि यह बसें अभी खड़ी हैं। कागजात दुरुस्त कराने के बाद ही संचालन होगा। वहीं कुछ ने बताया कि यह वाहन अब उनके यहां से संचालित नहीं हो रहे हैं। चार अगस्त को आरटीओ विभाग में विशेष कैंप का आयोजन किया जा रहा है। इसमें स्कूली वाहनों को लेकर जागरुक किया जाएगा। साथ ही स्कूली वाहनों की फिटनेस को लेकर 22 जुलाई को समाप्त हो चुके अभियान को बढ़ाकर 15 अगस्त कर दिया गया है।
बिना फिटनेस जांच कराएं स्कूली बसों को सड़कों पर चलने दिया जाएगा। अगर ऐसा पाया जाता है तो संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजीव चतुर्वेदी, एआरटीओ प्रशासन प्रयागराज