प्रयागराज (ब्‍यूरो)। सपा के पूर्व विधायक रहे सईद अहमद को पांच साल की सजा सुनाई गई है। उनके साथ मामले में मो। आजाद को भी पांच वर्ष का कारावास भुगतना पड़ेगा। यह फैसला सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश एमपीएमएलए कोर्ट ब्रिजेन्द्र त्रिपाठी द्वारा सुनाया गया। सजा के बिन्दु पर बहस के दौरान कोर्ट को बताया गया कि अभियुक्तों पर एक महिला का अपहरण बाद डराकर कागजों पर सिग्नेचर कराने सहित कई गंभीर लगाए थे। वादी मुकदमा सरफराज हुसैन की तहरीर पर पुलिस के द्वारा केस दर्ज किया गया था। प्रकरण मुकदमा अपराध संख्या 1162 / 1994 से सम्बंधित है। कोर्ट में केस का संचालन एपीओ पवन कुमार सिंह के द्वारा किया गया।

एमपीएमएलए कोर्ट ने सुनाया फैसला
वादी मुकदमा सरफराज हुसैन द्वारा सीओ नगर तृतीय को तहरीर दी गई थी। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी के मुताबिक तहरीर में वादी ने बताया था कि एक फरवरी 1993 को वह अपनी ऑफिस के काम से कानपुर गया था। शाम को करीब साढ़े आठ बजे वापस घर पहुंचा तो बंगले में रहने वाले लालमणि देवी, ऊषा देवी आदि से पता चला कि सुबह नौ दस बजे मैम साहब अपनी ससुराल रानीमंडी कुछ पैसा व जेवर रखने के लिए जाने की बात कहकर निकली हैं। बोल कर गई हैं कि घर का ख्याल रखना। मेड विमला देवी का बेटे से रिक्शा बुलवाई कर गई हैं। इस बीच बच्चे स्कूल से आकर रो रहे थे। जानकारी के लिए वह प्यून को रानीमण्डी भेजा। आरोप लगाया था कि सईद अहमद से उसका उच्च न्यायालय में विवाद चल रहा है। बताया था कि पता करने पर मालूम चला कि सुबह फिरोज अहमद के कारखाने के पास सईद अहमद पुत्र वहीद अहमद, फिरोज अहमद उर्फ राजू पुत्र वहीद अहमद, मो। आजाद, मो। शमीम और दो तीन अन्य द्वारा मारुति कार से में मैम को बैठाकर अपहरण कर लिए हैं। डीजीसी ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्तों के जरिए महिला को डराधमका कर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए गए। साथ ही उच्च न्यायालय में चल रहे केस में कथनानुसार गवाही देने का दबाव बनाया गया। बताया गया कि पूरे केस को सुनने व पत्रावलियों में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर मामले में कोर्ट के द्वारा पूर्व सपा विधायक सईद अहमद व मो। आजाद को पांच वर्ष की सजा सुनाई गई। बताते चलें कि सईद अहमद फूलपुर विधानसभा से समाजवादी पार्टी के विधायक रह चुके हैं।

प्रकरण में अभियुक्त सईद अहमद व मो। आजाद को पांच वर्ष की सजा सुनाई गई है। सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस द्वारा उन्हें अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया।
गुलाबचंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी