प्रयागराज (ब्यूरो)।कई साल बाद शहर में आई इंफेक्शन ने हजारों लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है। हर घर में इस बीमारी के मरीज पाए जा रहे हैं। बच्चों में बढ़ते मामलों को लेकर स्कूल प्रशासन भी सतर्क हो गए हैं। वह परिजनो ंको मैसेज भेजकर संक्रमित बच्चों को घर पर रखने की सलाह दे रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह छुआछूत की बीमारी है, इसलिए हाथ मिलाने से बेहतर है एक-दूसरे से नमस्कार कर लीजिए।

अस्पतालों की ओपीडी में भरे हैं मरीज

आई इंफेक्शन को डॉक्टर्स कंजक्टवाइटिस का नाम दे रहे हैं। उनका कहना है कि इस सीजन में बारिश नही होने से उमस अधिक हो रही है। जिसकी वजह से संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इस समय सबसे ज्यादा आंखों का संक्रमण चपेट में ले रहा है। एमडीआई अस्पताल, बेली और काल्विन अस्पताल में रोजाना पांच सौ से अधिक मरीज आई इंफेक्शन के दस्तक दे रहे हैं। इनकी आंखों में लालिमा और दर्द की शिकायत है। डॉक्टर्स ने उन्हें आंखों की सफाई रखने की सलाह दे रहे हैं।

आई ड्राप की बढ़ गई मांग

मरीजों के बढऩे से दवा की दुकानों पर लंबी लाइन लग रही है। सबसे ज्यादा मांग एंटी बायटिक, टीयर ड्राप और एंटी एलर्जिक आई ड्राप की है। डाक्टरों का कहना है कि आंखों में नियमित यह दवा डालने से मरीज को जल्दी आराम मिल जाता है। समय से इलाज नही करने पर कार्निया को भी यह वायरस नुकसान पहुंचा सकता है। यह भी कहना है िक बिना चिकित्सकीय सलाह के इन दवाओं का सेवन नही करना चाहिए। आंखों के मामले में सावधानी बरतना जरूरी है।

तो बच्चों को मत भेजे स्कूल

तेजी से बढ़ते इंफेक्शन को देखते हुए स्कूल प्रशासन भी एलर्ट हो गए हैं। उनके द्वारा परिजनों क मोबाइल पर मैसेज भेजे जा रहे हें। जिसमें कहा जा रहा है कि अगर बच्चे के आखों में सक्रमण है तो उसे स्कूल मत भेजे। इससे दूसरे बच्चे संक्रमण से बच जाएंगे। इसका पालन भी पैरेंट्स कर रहे हें। कई पैरेंट्स बच्चों को संक्रमण से बचाने के डर से स्कूल भेजने में आनाकानी कर रहे हैं।

ऐसे होगा इंफेक्शन से बचाव

- आंखों को ठंडे पानी से बार बार धोएं।

- बार बार आंखों को अंगुलियों से मत छुएं।

- हाथ मिलाने की जगह नमस्कार करिए।

- सार्वजनिक स्थलों पर हर चीज को हाथ मत लगाएं।

- हाथों को बार बार साबुन से धुलें।

- आंखों में जलन या लालिमा होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

- दूसरे चश्मा, टावेल या रुमाल कतई न यूज करें।

1200 से अधिक बुखार के मरीज

दूसरी ओर बुखार के संक्रमित मरीज भी बड़ी संख्या में मिल रहे हैं। 17 जुलाई से दस्तक अभियान शुरू हुआ है। जिसके तहत आशा कार्यकर्ता घर घर जाकर बुखार, जुकाम सहित अन्य लक्षण वाले मरीजों को चिंहित कर रही हैं। यह अभियान 15 दिन चलेगा लेकिन शुरुआती एक सप्ताह में ही हजारों मरीज चिंहित हो गए हें। इसमें सबसे ज्यादा 1215 मरीज बुखार के हैं। इनकी डेंगू और मलेरिया की जांच कराई जा रही है। इसके अलावा 400 के आसपास कोविड के लक्षण वाले सर्दी, जुकाम और सांस के मरीज मिले हैं। इनकी भी जांच कराई जा रही है। डाक्टरों का कहना है कि इसके पीछे मौसम का मिजाज हे। तेज उमस और नमी में संक्रमण की रफ्तार कई गुना बढ़ जाती है।

किस लक्षण के कितने मरीज

फीवर- 1215

टीबी- 145

आईएलआई यानी कोविड के लक्षण वाले- 390

लेप्रोसी- 43

कुपोषण- 130

वर्जन

जब तक बारिश नही होगी कंजक्टवाइटिस के मरीजों की संख्या में इजाफा होता रहेगा। इसलिए लोगों को बचना होगा। संक्रमित व्यक्ति से हाथ न मिलाएं। संपर्क में आए हैं तो हाथों को साबुन से धुल लें। आंख और हाथ की साफ सफाई पर ध्यान दें।

प्रो। एसपी सिंह, डायरेक्टर, एमडीआई अस्पताल

बुखार के लक्षण वाले मरीजों की जांच की जा रही है। अभी तक डेंगू या मलेरिया के मरीज सामने नही आए हैं। हमारी टीमें घर घर जाकर मरीजों का इलाज कर रही हैं। गंभीर मरीजों को अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है।

आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज